समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव अमर सिंह ने अपनी आगामी योजना का पूरा खुलासा करने से परहेज करते हुए कहा है कि उन्हें कांग्रेस से बात करने में कोई गुरेज नहीं है. आजतक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में उन्होंने कहा कि वे देश की छोटी पार्टियों से मिलकर बिखरी ताकतों को इकट्ठा करना चाहते हैं.
बीजेपी का नाम लिए जाने पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी अब अप्रासंगिक हो गई है. यह जिक्र किए जाने पर कि अब तो वे सपा के एक कार्यकर्ता भर हैं, उन्होंने कहा कि जिस तरह से सपा में उनके खिलाफ बयानबाजी हो रही है, उसके बाद शायद वे पार्टी के कार्यकर्ता भी न रह जाएं. उन्होंने कहा कि सपा का 'इतिहास' बनने का निर्णय उनका स्वयं का है. वे किसी के बनाए 'इतिहास' या 'वर्तमान' नहीं बने हैं.
मुलायम सिंह यादव के बारे में अमर सिंह ने कहा, ''नेताजी के विश्वास का ऋण मेरे ऊपर है, पर इसका क्षय तीव्र गति से होता जा रहा है.'' अमर सिंह ने साफगोई बरतते हुए कहा कि उन्होंने 14 साल तक मुलायम के आदेश पर जो भी किया है, अब वह सब खुद उनके साथ होगा. उन्होंने कहा कि वे अपने ही किए 'पाप' की सजा भुगत रहे हैं.
सपा नेताओं के बारे के अमर सिंह ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि वे अब तक न तो 'पूंजीपति' थे, न ही 'पागल', पर शायद अब हो गए हैं. उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि जब उन्होंने 'सिक लीव' मांगी, तो किसी ने उनकी बीमारी को भी नहीं देखा.
समाजवादी पार्टी का चेहरा खराब कर दिए जाने के आरोपों के जवाब में अमर सिंह ने कहा कि दागी नेताओं से पार्टी की छवि बिगड़ी, न कि उनके कारण. उन्होंने कहा, ''टिकट जिसे मिला, उसे मुलायम ने दिया. जिसे टिकट नहीं मिला, उसका टिकट अमर सिंह ने काट दिया.''
सपा के अन्य नेताओं द्वारा खराब व्यवहार की बात पर उन्होंने कहा कि जब 'बादशाहत' ही खिलाफ हो, तभी ऐसा हो सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा मुलायम के चाहने पर हो रहा है, उन्होंने खुलकर जवाब देने से बचते हुए कहा कि वे मुलायम के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे और पूरी शालीनता बरतेंगे.
भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि अपने चाहने वालों की प्रबल इच्छा का सम्मान करते हुए वे अब दिमाग से राजनीति कर सकते हैं, क्योंकि अब तक उन्होंने राजनीति में केवल दिल ही लगाया, मुलायम सिंह को भी दिल से ही चाहा. मायावती के बारे उन्होंने कहा कि उनसे राजनीतिक विरोध अब भी है. उनकी नीतियों को समर्थन नहीं है. अमर सिंह ने कहा कि अब मुलायम को भी कह देना चाहिए कि मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग से होगा.