पूर्वोत्तर में बाढ़ से स्थिति गुरुवार को और खराब हो गई है. मणिपुर में चार लोगों और त्रिपुरा में एक व्यक्ति की मौत के साथ क्षेत्र में बाढ़ से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ मार्गों पर ट्रेन सेवा ठप होने और सड़कों के बह जाने से असम, त्रिपुरा और मणिपुर में स्थिति ज्यादा खराब हो गई है.
असम में बाढ़ की स्थिति बिगड़ने के साथ राज्य के सात जिलों में तकरीबन चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के मुताबिक होजाई, कर्बी आंगलांग पूर्व, कर्बी आंगलांग पश्चिम, गोलाघाट, करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिले में 3.87 लाख लोग प्रभावित हुए है.
विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा हैलाकांडी में 2.06 लाख लोग, इसके बाद करीमगंज में तकरीबन 1.33 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. राज्य के विभिन्न हिस्से में भूस्खलन और बाढ़ जनित घटनाओं से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. बंदरखल और दामछड़ा स्टेशनों के बीच जमीन खिसकने के कारण लामडिंग बदरपुर खंड पर रेल सेवा ठप है.
मणिपुर में बाढ़ग्रस्त दो जिलों में 1.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं और स्थिति काफी खराब है. आपदा प्रबंधन विभाग ने आज बताया कि इम्फाल घाटी में स्थिति बदतर हो गई है. बाढ़ के कारण मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है.
ताजा रिपोर्टों के अनुसार मणिपुर में बाढ़ से लगभग 12,500 मकान क्षतिग्रस्त हो गई और 5,200 लोग क्षेत्र छोड़कर बाहर चले गए है. मणिपुर में बाढ़ के कारण खराब स्थिति पर चिंतित राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने आज कहा कि वह बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राज्यपाल राहत कोष में एक दिन का वेतन देंगी.
हेपतुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि राजभवन के तमाम कर्मचारी एक दिन के वेतन का योगदान देंगे और दूसरों से भी मदद की अपील की गई है.
त्रिपुरा में बाढ़ की स्थिति गुरुवार को और बिगड़ गई. बारिश के कारण खोवई नदी का पानी कुछ और इलाकों में घुस गया, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए और सड़कों तथा फसलों को नुकसान पहुंचा. बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है.
बाढ़ से उनाकोटी जिले में कलीलाशहर सब डिविजन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. बाढ़ के कारण 21,000 से ज्यादा लोग अब भी राहत शिविरों में है. मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव ने कलीलाशहर सब डिविजन का दौरा किया है.
मिजोरम में बाढ़ के कारण अब तक 1,066 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राज्य आपदा प्रबंधन और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
सबसे ज्यादा दक्षिण मिजोरम का लुंगलेई जिला प्रभावित हुआ है, जिसमें तलाबुंग कस्बा और पास के गांव बाढ़ की चपेट में है. अधिकारियों ने बताया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 54 से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है. बाढ़ के कारण सड़क का एक हिस्सा भी बह गया.