दिल्ली कैब रेप कांड पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. गडकरी ने कहा कि अगर रेल में कोई हादसा हो तो क्या उसे भी बंद कर दें. उन्होंने कहा कि सिस्टम को बदलने की जरूरत है.
ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर UBER पर दिल्ली में पाबंदी लगाने के फैसले के खिलाफ सरकार के भीतर से ही अवाज उठने लगी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कैब सर्विस पर बैन लगाने के फैसले को गलत ठहरा दिया है.
बलात्कार के बाद UBER कैब सर्विस प्रोवाइडर की सेवा दिल्ली में बंद हुई तो नितिन गडकरी का मुंह खुला. उन्होंने कैब सर्विस पर बैन लगाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि अगर रेल में रेप हो जाए तो क्या रेल को ही बंद कर देना चाहिए.
कुछ ऐसे ही विचार कांग्रेस पार्टी के भी हैं, जो ये कह रही है कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला के मुताबिक अगर अपराध सिर्फ ड्राइवर का है तो कैब सेवा पर पाबंदी लगाने का तुक नहीं बनता.
चूंकि अभी दिल्ली का दंगल होने वाला है, इसलिए हर फैसले को वोट की बिसात पर परखा जा रहा है. आम आदमी पार्टी भी नाप तौल कर कह रही है कि कार्रवाई की बात तो ठीक लेकिन पाबंदी लगाना ठीक नहीं है.
दिल्ली प्रशासन ने सोमवार को ऑनलाइन कैब सर्विस प्रोवाइडर UBER की सेवाओं पर फौरन रोक लगा दी और भविष्य के लिए भी सैन फ्रांसिस्को की इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया. ये कदम उस वक्त उठाया गया जब पता चला कि आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव को 2011 में रेप के एक मामले में जेल भेजा जा चुका है. शिव कुमार यादव के पहले भी रेप में आरोपी होने की बात सामने आने के बाद कंपनी के पैसेंजर सेफ्टी के दावे पर गंभीर सवाल उठ गए.
रेडियो टैक्सी एसोसिएशन का कहना है कि राजधानी में रेडियो टैक्सी सेवा सुरक्षित है, जिसमें सुरक्षा के सभी कायदे कानून ध्यान में रखे जाते हैं. एसोसिएशन का भी मानना है कि पाबंदी कोई उपाय नहीं है.
आने वाले दिनों में ऊबर की दिक्कतें और बढ़ सकती हैं. केंद्र सरकार जल्द ही दूसरे राज्यों से भी कंपनी की सेवा पर रोक लगाने को कह सकती है जहां इस वक्त ये टैक्सियां चल रही है. दिल्ली में UBER को मोटर वाहन अधिनियम 1988 का उल्लंघन करते हुआ पाया गया है.