नक्सली अब आत्मघाती दस्ते तैयार कर रहे हैं. खुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक नक्सलियों को इसमें लश्कर-ए-तैयबा से मदद मिल रही है. इसके अलावा पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई इन्हें आर्थिक मदद दे रही है.
नक्सली केरल के इडक्की औऱ पलक्कड़ के जंगलों में ट्रेनिंग ले रहे हैं. खुफ़िया एजेंसियों को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक नक्सलियों के निशाने पर कई बड़े नेता हैं. नक्सली अपनी संख्या भी बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए वे ग़रीब मज़दूरों को अपने साथ मिला रहे हैं.
खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक इन जंगलों में नक्सली आत्मघाती दस्ते तैयार कर रहे है. आत्मघाती दस्तों को ट्रेनिंग में मदद दे रहा है आंतकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा. रॉ और आईबी के सूत्रों के हवाले से मिली खबरों के मुताबिक नक्सलियों को इस ट्रेनिंग के लिए आईएसआई मदद कर रही है.
केरल के पलक्कड में पिछले दिनों नक्सली और कुछ आंतकवादियो की बैठक हुई, जिसमें नक्सलियों ने नई रणनीति बनाई है. इस रणनीति के मुताबिक नक्सलवादियों के निशाने पर अब देश के बडे शहर और बडे नेता हो गए है. बडे शहरों में निशाना बनाने के लिए अब नक्सली अपने साथ बिल्डरों के यहां काम करने वाले मजदूरों को जोडने की रणनीति बना रहे हैं, ताकि बडे शहरों को आसानी से टारगेट किया जा सके.
{mospagebreak}नक्सलियों की इस नई रणनीति के पीछे कई वजहें भी हैं. दरअसल अब तक नक्लसियों के पास हथियार एलटीटीई के जरिए आते थे, लेकिन अब ये बंद हो गए हैं. इससे नक्सलियों को हथियार मिलने में दिक्कत हो रही है. अब हथियारों की सप्लाई लश्कर कर रहा है. इसी तरह नक्सलियो को आर्थिक मदद आईएसआई की तरफ से मिल रही है.
आईबी सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों के कुछ नेताओं को पाकिस्तान ले जाकर भी ट्रेनिंग दी गई है. नक्सलियों ने यह आक्रामक रणनीति कोबाड गांधी के प्रमुख बनने के बाद बनाई है.