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MP में पेंशन बंदी पर बोले नरेंद्र सिंह तोमर- आग से खेल रही कांग्रेस

सबरीमाला के मुद्दे पर तोमर ने कहा कि यह धार्मिक मसला है, आस्था से जुड़ा है. हर व्यक्ति को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विषय चर्चा में रहेगा, वह पूरा होगा तो उसके बाद तीन तलाक और बाकी मुद्दों पर चर्चा होगी.

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नरेंद्र तोमर
नरेंद्र तोमर

राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी द्वाराफेल मुद्दे पर राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को चुनौती देने पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल लोकतंत्र को हल्का करने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आपातकाल के दौरान जेल में रहने वाले लोगों की पेंशन बंद करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस आग से खेल रही है.

उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि राहुल गांधी एक पुरानी और बड़ी पार्टी के अध्यक्ष हैं. उम्र के हिसाब से और पद के हिसाब से उनमें गंभीरता आनी चाहिए. लेकिन वह देश को लगातार निराश कर रहे हैं और लोकतंत्र को हल्का करने का प्रयास कर रहे हैं. जो व्यक्ति उनके समर्थन में नहीं रहता, जो संस्था उनके समर्थन में नहीं रहती, उस पर प्रश्न खड़े करना, उस पर आरोप लगाना और उसकी अहमियत को हल्का करना, कांग्रेस की हमेशा से आदत रही है. शुरू से ही कांग्रेस का यह चरित्र रहा है.'

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सबरीमाला के मुद्दे पर तोमर ने कहा कि यह धार्मिक मसला है, आस्था से जुड़ा है. हर व्यक्ति को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर का विषय चर्चा में रहेगा, वह पूरा होगा तो उसके बाद तीन तलाक और बाकी मुद्दों पर चर्चा होगी.

आपातकाल के दौरान जेल में रहने वाले लोगों की पेंशन बंद करने के कमलनाथ के निर्णय पर सिंह तोमर ने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों को कांग्रेसी सरकारों ने जेल में डाला, उनके सत्याग्रह के कारण ही उस कालखंड में लोकतंत्र की रक्षा हुई थी. सारा देश मानता है कि उनका सम्मान होना चाहिए. उनका सम्मान मध्य प्रदेश की सरकार के साथ-साथ अन्य सरकारों को भी अपने-अपने राज्यों में विभिन्न प्रक्रियाओं के माध्यम से करने की कोशिश की थी.

उन्होंने कहा कि कमलनाथ फिर से आपातकाल को जिंदा कर रहे हैं, इससे कमलनाथ को ही नुकसान होगा. मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि उन्हें आग से नहीं खेलना चाहिए. राफेल मुद्दे पर राहुल गांधी की चुनौती पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि राहुल कह रहे हैं कि मुझे 20 मिनट दो, जबकि लोकसभा में उन्हें 20 मिनट से ज्यादा मिले. उनको जो भी बोलना था वह वहां बोलना चाहिए था. लेकिन वह अब भी चर्चा की मांग कर रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि राहुल बताएं कि अब कहां चर्चा की मांग कर रहे हैं. हम लोकसभा में चर्चा के लिए तैयार हैं और सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के दौरान सरकार के मंत्री सवालों का जवाब देते ही हैं. वहीं, राफेल मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) गठित की जानी चाहिए, ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके.

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