केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि लोकायुक्त पर नरेंद्र मोदी की टिप्पणी ठीक उसी तरह है, जैसे आसाराम ब्रह्मचर्य के बारे में बातें करें.
जयराम रमेश मोदी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. सवाल उत्तराखंड में रविवार को एक रैली में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर राहुल गांधी की मोदी द्वारा की गई आलोचना से संबंधित था.
नरेंद्र मोदी ने सवाल किया था कि जो कांग्रेस आज संसद में लोकपाल विधेयक को पारित करने के लिए आगे आ रही है, उसने उत्तराखंड में लोकायुक्त अधिनियम क्यों नहीं लागू किया, जिसे बी.सी. खंडूरी के नेतृत्व वाली पूर्व बीजेपी सरकार ने बनाया था.
जयराम ने कहा कि मोदी को लोकपाल विधेयक पर बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उन्होंने अपने राज्य में 10 वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की.
रमेश ने कहा, 'जिस व्यक्ति ने 10 वर्षों से एक लोकायुक्त नहीं नियुक्त किया, उसे लोकायुक्त के बारे में बात नहीं करना चाहिए. उन्होंने 10 वर्षों से लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की और वह लोकायुक्त पर उपदेश दे रहे है.' जयराम रमेश ने उत्तराखंड के लोकायुक्त अधिनियम को एक मजाक बताया.
गौरतलब है कि उत्तराखंड लोकायुक्त विधेयक राज्य विधानसभा में नवंबर 2011 में सर्वसम्मति से पारित किया गया था. उस समय खंडूरी ने राज्य में दूसरी बार सत्ता संभाली थी.
राष्ट्रपति ने दो वर्षों के इंतजार के बाद इस वर्ष सितंबर में विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी, लेकिन उत्तराखंड में इस विधेयक को अभी तक लागू नहीं किया गया, क्योंकि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा इसमें कुछ संशोधन करने के बाद ही इसे लागू करना चाहते हैं.
जहां तक आसाराम की बात है, वे एक नाबालिग लड़की द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं और फिलहाल जेल में हैं.