अगर मोदी सरकार अपने प्लान पर आगे बढ़ी तो खुदकुशी की कोशिश अपराध नहीं होगी. गृह मंत्रालय खुदकुशी की कोशिश को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार कर रहा है.
लोकसभा में चर्चा के दौरान गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजु ने लिखित जवाब में कहा कि सरकार आईपीसी की धारा 309 को खत्म करने जा रही है, जैसा कि कानून आयोग प्रस्ताव करता है. कानून आयोग ने अपनी 210वीं रिपोर्ट में कहा है कि आईपीसी के सेक्शन 309 को हटाने की जरूरत है. आयोग के मुताबिक सेक्शन 309 की मान्यताएं अमानवीय हैं. इस कानून के खत्म होने से दुखी लोगों को अपने कष्ट से मुक्ति मिलेगी.
कुछ दिनों पहले इसी मसले पर गृह मंत्रालय के पूछे सवाल पर कई राज्यों ने अपनी टिप्पणियां दी थी. आयोग का कहना है कि खुदकुशी करने वाला मानसिक रूप से बीमार है, उसे इलाज और देखरेख की जरूरत है ना कि सजा की.
इस कानून के आलोचक मानते हैं कि ये कानून बर्बर और अव्यावहारिक है क्योंकि किसी भी दुखी व्यक्ति के लिए ये दोहरी सजा देता है, जो अपने जीवन के गहरे अवसाद से छुटकारा पाने के लिए अपने जीवन को खत्म करना चाहता है.
इस बारे में विरोधाभासी विचार आते रहे हैं. खुदकुशी को अपराध मानने वाला कानून कहता है कि मनुष्य की जिन्दगी की अपनी गरिमा है जिसे बचाना बेहद जरूरी है. इंसान की जिंदगी जितनी उसके लिए कीमती है उतनी ही सरकार के लिए भी है. ऐसे में राज्य़ व्यवस्था या सरकार किसी खुदकुशी करने वाले पर अपनी आंखें मूंद कर नहीं रह सकती.