जिसे कांग्रेस बीजेपी की कमजोरी के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रही थी उसे ही बीजेपी ने अपना बड़ा हथियार बना लिया है. पार्टी ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए चाय पिलानी शुरू की है. शुरुआत दिल्ली से हुई है और दावा है कि पूरे देश में लोकसभा चुनावों की राजनीतिक चर्चा अब नमो टी पार्टी में होगी.
शनिवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में मीनाक्षी लेखी और विजय जौली समेत तमाम बीजेपी नेता वकीलों के साथ चाय की चुस्कियां भरते नजर आए. मौका नमो टी पार्टी का था. जी हां, कांग्रेस के नेता मोदी को चाय बेचने वाला कहकर कोसते रहे, उसे कमजोरी बताकर प्रचारित करते रहे लेकिन मार्केटिंग के धनी मोदी ने इसे ही अपना हथियार बना लिया. पार्टी ने नमो-नमो के नारे के साथ राजनीतिक हवाओं का रुख मोदी की ओर मोड़ने के लिए चाय पिलाने का कार्यक्रम शुरू किया है. आगाज हुआ राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट से.
बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नमो टी पार्टी राजनीतिक न होकर एक जनआंदोलन की तरह है. हम ये चाहेंगे आप भी अपने घर चाय पर लोगों को बुलाएं और मोदी जी के बारे में बताएं कि चाय बेचना देश बेचने से तो बेहतर है. बहरहाल, नमो की टी पार्टी देश के अलग अलग हिस्सों में कराई जाएगी. इसका मूल उद्देश्य है देश भर के प्रोफेशनल्स और नेताओं के बीच संवाद की कमी को दूर करना. पार्टी मानती है इसके लिए चाय पर चर्चा से बेहतर तरीका और क्या हो सकता है.
वैसे ये अलग बात है कि नमो की टी पार्टी में जितना जिक्र आम आदमी पार्टी का हुआ, उतना कांग्रेस का नहीं. बीजेपी नेता विजय जौली ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने विधायक बिन्नी को भड़काने का आरोप लगाती है लेकिन पार्टी चाहती तो एक नहीं बल्कि आठ बिन्नी खड़ी कर सकती थी.
बीजेपी का देश में लक्ष्य 272 का है तो वहीं दिल्ली में 7-0 का. नमो टी पार्टी की सफलता तो वक्त तय करेगा लेकिन चाय की चुस्कियों ने विरोधी पार्टियों की चिंता बढ़ा दी होगी, ये तय है.