RSS के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर पहुंच गए हैं. प्रणब मुखर्जी गुरुवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तृतीय वर्ष ओटीसी (ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप) के भावी स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे.
बता दें कि देशभर में 50 हजार से ज्यादा संघ की शाखाएं लगती हैं. ऐसे में एक शाखा के स्वयंसेवकों से 'आजतक' ने बातचीत की और उनसे पूछा कि प्रणब दा के संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के उनके लिए क्या मायने हैं? बीते दशकों में संघ की भूमिका कितनी बदलीहै? देश के और तबकों के संघ कैसे नजदीक आएगा?
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इस पर संघ स्वयंसेवक अजय शर्मा ने कहा, 'संघ एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है. हमारे कार्यकर्ता एकनाथ जी ने जब इंदिरा गांधी को विवेकानंद केंद्र का उद्घाटन करने का न्योता दिया तो वह भी आई थीं. जयप्रकाश नारायण कहते थे कि संघ फासिस्ट है तो मैं भी फासिस्ट हूं. महात्मा गांधी हमारे वर्धा शिविर में गए और वहां जाकर कहा कि वास्तव में जो मैं करना चाहता था वह संघ कर रहा है संघ को समझने की जरूरत है.'
उन्होंने कहा कि संघ की शाखा में स्वयंसेवक खेल- खेल में संस्कार देने का काम करते हैं. भारत माता की जय बोलना यदि कट्टरवाद का भाव है तो मुझे लगता है कि आपको संघ को समझने की जरूरत है.
स्वयंसेवक सुभाष मुखिया ने कहा, 'मैं 2011 से संघ की शाखा में आ रहा हूं. संघ एक संस्कारी संगठन है. देश के हितों के लिए काम करता है. प्रणब मुखर्जी का आना कोई बड़ी बात नहीं है.'
स्वयंसेवक अजयवीर सिंह ने कहा कि वास्तव में दूर से कोई संघ को परिभाषित करें तो यह असंभव है. यदि आप तैरना सीखना चाहते हैं तो आपको समुंदर या नदी में आना पड़ेगा. लेकिन जो लोग घर में बैठकर तैरना सीखना चाह रहे हैं, संघ के बारे में अनर्गल बातें कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मुझे लगभग 45 बरस हो गए हैं शाखा लगाते हुए. मैं आपातकाल के दौरान जेल में बंद भी हुआ था लेकिन जो लोग दूर बैठकर संघ के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हैं वास्तव में वह अबोध हैं. उन्हें ये ही नहीं मालूम कि संघ है क्या. उनका मानना है कि एक महान बुद्धिजीवी प्रणब मुखर्जी यदि संघ में आएंगे तो संघ की स्वीकार्यता बढ़ेगी. हमारे संघ का प्रचार- प्रसार सबसे अधिक पंडित नेहरु ने किया.
संघ की शाखाओं में रोज जाने वाले बीजेपी पार्षद प्रमोद गुप्ता ने कहा की संघ को जानना है तो शाखा में जाना जरूरी है. संघ एक विचार है. संघ व्यक्तिवादी नहीं विचारवादी संगठन है. संघ के बारे में नाहक ही गलत धारणाएं बनी हुई हैं. प्रमोद गुप्ता ने कहा कि प्रणब दा के शाखा में जाने से शाखा के प्रति अज्ञानता कम होगी.