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केंद्र ने पुडुचेरी के उप-राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को हटाया

मिजोरम से अपना ट्रांसफर किए जाने से नाराज नगालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी पुरुषोत्तमन ने पद से इस्तीफा दे दिया है, वहीं पुडुचेरी के उप राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को उनके पद से हटा दिया गया है.

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वीरेंद्र कटारिया
वीरेंद्र कटारिया

मिजोरम से अपना ट्रांसफर किए जाने से नाराज नगालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी पुरुषोत्तम ने पद से इस्तीफा दे दिया है, वहीं पुडुचेरी के उप राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को उनके पद से हटा दिया गया है.

86 वर्षीय पुरुषोत्तम ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना इस्तीफा भेज दिया है. हालांकि, अपने इस्तीफा पत्र में उन्होंने कोई राजनीतिक या प्रक्रियागत मुद्दा नहीं उठाया है. पुरुषोत्तम ने संवाददाताओं से कहा कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद से राज्यपालों से जिस तरह का सलूक हो रहा है वह ‘ठीक नहीं’ है. उन्होंने कहा, 'राज्यपाल संवैधानिक प्राधिकार है. अन्य किसी सरकारी अधिकारी की तरह उनका स्थानांतरण निहायत ही अनुचित है. यह ठीक नहीं है.'

केरल में यूडीएफ सरकार में अहम विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके और दो बार कांग्रेस सांसद रहे पुरुषोत्तम ने कहा, 'मुझे लगता है कि राज्यपाल की मर्यादा का अपमान हुआ है. स्थानांतरण मुझसे मशविरा किये बिना किया गया.'

कटारिया की छुट्टी!
कुछ राज्यपालों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने अब कटारिया को हटा दिया है. यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल के खिलाफ बीजेपी सरकार की इस तरह की यह पहली कार्रवाई है.

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राष्ट्रपति भवन द्वारा शुक्रवार देर रात घोषणा की गई, 'राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि वीरेंद्र कटारिया पुडुचेरी के उप राज्यपाल का पद छोड़ें.' राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के उप राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अजय कुमार सिंह पुडुचेरी के उप राज्यपाल के पद पर नियमित नियुक्ति होने तक इस पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे.

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा के पूर्व सदस्य 81 वर्षीय कटारिया को पिछले साल जुलाई में पुडुचेरी का उपराज्यपाल बनाया गया था. उन्होंने इकबाल सिंह की जगह ली थी. यह फैसला ऐसे समय आया है जब सरकार ने विभिन्न राजभवनों में राज्यपाल के तौर पर नियुक्त करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य शीर्ष नेताओं ने इस मुददे पर चर्चा की.

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला संभवत: यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त राज्यपालों को पद छोड़ने या निष्कासन झेलने के परोक्ष संकेत हैं. नये राज्यपाल के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम नाइक, लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन, भोपाल के पूर्व सांसद कैलाश जोशी, केरल के बीजेपी नेता ओ राजगोपाल और शांता कुमार के नामों पर चर्चा चल रही है.

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केन्द्र में सरकार बदलने के बाद पांच राज्यपाल इस्तीफा दे चुके हैं जबकि दो का कार्यकाल पिछले महीने समाप्त हुआ है.

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