जिन्ना विवाद में दखल देते हुए केंद्रीय मंत्री वी. के. सिंह ने आज कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगाने का समर्थन करने वाले मुसलमान अपने पूर्वजों का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने जिन्ना की विचारधारा को ठुकरा दिया था. विदेश राज्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखे एक पोस्ट में कहा कि आज अपने पूर्वजों के कारण वे भारतीय हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर विवाद छिड़ गया था जिसे भाजपा नेताओं ने हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि जनता के धन से बने संस्थान में भारत विभाजन के जिम्मेदार व्यक्ति की तस्वीर लगाना स्वीकार्य नहीं है. उधर, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भी इसी मुद्दे पर आज अलीगढ़ में कहा कि जिन्ना ने देश को बर्बाद किया था.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने जिन्ना विवाद पर कहा, 'यदि आप मुसलमान हैं और आप जिन्ना की तस्वीर अपने दीवारों पर चाहते हैं तो यह आपके बाप-दादाओं का घोर अपमान है, जिन्होंने जिन्ना के विचारों को ठुकराया और जिनके कारण आज आप भारतीय हैं.'
सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, 'यदि आप गैर मुसलमान हैं और आप उनके समर्थन में फिर भी इसलिए कूद पड़े हैं क्योंकि आपको लग रहा है कि यह किसी प्रकार आपकी स्वतंत्रता पर बंदिश है तो जरा सोचिए. क्या आप अपने घर की दीवारों पर उस व्यक्ति की तस्वीर लगाएंगे जिसके हाथ आपके स्वजनों के रक्त से रंजित है?'
Let us protect our freedom from abuse.#GenerallySaying pic.twitter.com/4DI5hAc8bY
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) May 6, 2018
उन्होंने आगे लिखा, 'अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हमारे देश के अग्रिम विद्यालयों में गिना जाता है. आपको सावधान रहना चाहिए कि पूरा देश आपसे किस प्रकार की अपेक्षा रखता है- बुद्धि एवं विवेक की अथवा दकियानूसी मानसिकता एवं कट्टरता की.'
उन्होंने कहा, 'नि:सन्देह स्वतंत्रता सभी का अधिकार है. मगर हम भूल जाते हैं कि इसे पाने में कितने महापुरुषों ने अपना खून बहाया. क्या आज उन महापुरुषों को गर्व होगा जिस प्रकार आप अपनी 'स्वतंत्रता' का सदुपयोग कर रहे हैं? #GENERALLYSAYING'
उधर, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने आज अलीगढ़ में कहा कि जिन्ना ने देश को बर्बाद किया था. साथ ही उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय हिन्दू, मुस्लिम, सिख एवं ईसाई सभी वर्गों को भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरूष भारत देश में पैदा हुए उन्होंने सुशासन की स्थापना के लिए काम किया था.