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बीसीसीआई के साथ टकराव की राह पर मोदी

इस्तीफा देने के दबाव के बीच ललित मोदी बुधवार को बीसीसीआई के साथ टकराव की राह पर चलते दिखे जब उन्होंने सोमवार को होने वाली संचालन परिषद की बैठता की वैधता पर सवाल उठाये जिसमें आईपीएल आयुक्त के रूप में उनके भविष्य पर फैसला होना है.

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इस्तीफा देने के दबाव के बीच ललित मोदी बुधवार को बीसीसीआई के साथ टकराव की राह पर चलते दिखे जब उन्होंने सोमवार को होने वाली संचालन परिषद की बैठता की वैधता पर सवाल उठाये जिसमें आईपीएल आयुक्त के रूप में उनके भविष्य पर फैसला होना है. हालांकि बीसीसीआई सूत्रों ने भरोसा जताया कि मोदी के अड़ने और प्रक्रियागत मुद्दे उठाने के बावजूद उन्हें वोटिंग के जरिये पद से हटा दिया जाएगा.

सरकार भी इस पूरे मामले से चिंतित है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आईपीएल विवाद पर बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शुक्ला के साथ चर्चा की जो मोदी के आलोचकों में शामिल हैं. शुक्ला ने हालांकि प्रधानमंत्री के साथ हुई चर्चा के बारे में खुलासा करने से इंकार कर दिया लेकिन उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बीसीसीआई मोदी को हटाने के लिए ‘कठोर’ कदम उठाने से भी नहीं हिचकिचाएगा. {mospagebreak}

शरद पवार और बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर, सचिव एन श्रीनिवासन और आईपीएल उपाध्यक्ष निरंजन शाह सहित बीसीसीआई के प्रभावशाली सदस्यों के मोदी को हटाने के पक्ष में होने के संकेतों के बीच आईपीएल अध्यक्ष ने सोमवार को होने वाली बैठक को स्थगित करने की मांग की. सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बैठक की वैधता पर सवाल उठाये और कहा कि आयुक्त के रूप में केवल वही बैठक बुला सकते हैं.

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मोदी यह भी चाहते थे कि बैठक टल जाये ताकि वह बैठक के दौरान लीग में लगे पैसे और इसके स्रोतों को लेकर आईपीएल से जुड़े विवाद पर उठने वाले सवालों के जवाब के लिए खुद को तैयार कर सकें. माना जा रहा है कि मोदी ने बीसीसीआई को बता दिया है कि वह सोमवार को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने की स्थिति में नहीं है क्योंकि वह तैयारी के लिए अधिक समय चाहते हैं.

इस तरह की रिपोर्ट है कि मोदी सभी 8 फ्रेंचाइजियों के स्वामित्व की जानकारी सार्वजनिक करना चाहते थे लेकिन बीसीसीआई ने संभवत: उनके प्रस्ताव पर रोक लगा दी. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है. आईपीएल मुद्दा पिछले हफ्ते मोदी के ट्वीट के बाद गरमा गया था जिसमें उन्होंने कोच्चि फ्रेंचाइजी के स्वामित्व पर सवाल उठाये थे. इसके बाद केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को इस्तीफा देना पड़ा था. उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने 70 करोड़ रुपये की स्वेट इक्विटी के लिए कोच्चि फ्रेंचाइजी के साथ बात की थी. {mospagebreak}

इसी तरह अहमदाबाद के लिए वीडियोकान और अदाणी समूह की असफल दावेदारी और उनके कुछ केंद्रीय मंत्रियों के रिश्तेदारों को कथित तौर पर स्वेट इक्विटी की पेशकश पर भी सवाल उठाये गये. बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि संचालन परिषद बैठक को नहीं टालेगी और वोटिंग के जरिये प्रस्ताव पारित करके मोदी को उनके पद से हटा देगी.

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दूसरी तरफ मोदी चाहते थे कि यह बैठक एक मई को हो जिससे कि उनके अपने बचाव में तैयारी का मौका मिल जाये. इस बीच इस तरह की रिपोर्ट हैं कि स्वामित्व मुद्दे पर सवाल उठने के बाद मोदी ने सभी बीसीसीआई अधिकारियों को ईमेल भेजकर प्रत्येक फ्रेंचाइजी के शेयरधारकों के बारे में विस्तृत जानकारी देने की पेशकश की थी. इस संवाद की प्रति सभी फ्रेंचाइजी मालिकों को भी भेजी गई थी.

हालांकि सूत्रों ने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने मोदी के संवाद का जवाब देते हुए कहा, ‘स्वामित्व जटिल मुद्दा है और इसकी कानूनी जटिलताओं पर चर्चा करने की जरूरत है. संचालन परिषद की बैठक में स्वामित्व पर चर्चा की जा सकती है और वहीं इस पर विचार किया जाएगा.’ सूत्रों ने बताया कि मनोहर के नजरिये का संचालन परिषद के कई सदस्यों ने समर्थन किया था जिसमें रवि शास्त्री, अरूण जेटली, निरंजन शाह और चिरायू अमीन शामिल थे. {mospagebreak}

मोदी के रवैये को देखते हुए बीसीसीआई ने भी कड़ा रुख अपना लिया है और बोर्ड की मीडिया और वित्त समिति के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो संचालन परिषद की बैठक मे कड़े फैसले किये जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मंगलवार को बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर और शरद पवार के बीच बैठक में फैसला किया गया कि 26 अप्रैल को संचालन परिषद की बैठक में हम बैठकर सर्वसम्मति से फैसला करेंगे कि क्या करना है.’

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शुक्ला ने कहा, ‘यह फैसले क्रिकेट और बीसीसीआई के हित में होंगे. फैसला चाहे कितना भी कठोर हो बीसीसीआई और देश में क्रिकेटर की छवि को बचाने के लिए किया जाएगा. पिछले 60 साल में हमने कभी अपनी छवि के साथ समझौता नहीं किया और इस बार भी कोई समझौता नहीं होगा.’

बीसीसीआई भी इस लुभावनी लीग की कुछ अहम फ्रेंचाइजियों के साथ बात कर रहा है और उन्हें मोदी को हटाये जाने के बाद के संभावित परिदृश्य से अवगत करा चुका है. सूत्रों ने बताया कि फ्रेंचाइजी मालिकों की कुछ आशंकाएं हैं लेकिन बीसीसीआई को भरोसा है कि वह मोदी के बिना भी लीग को चला लेंगे. दूसरी तरफ मोदी के बचाव में उतरने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री और जम्मू कश्मीर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि वह आईपीएल आयुक्त का बचाव नहीं कर रहे हैं.

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