सरकार के एक्शन में आए अभी पांच दिन बीते हैं लेकिन ये साफ होने लगा है कि नई सरकार के एजेंडे में जम्मू-कश्मीर ऊपर है. मोदी सरकार पाक अधिकृत कश्मीर का नाम बदलने की तैयारी कर रही है. साथ ही कश्मीरी पंडितों को फिर से घाटी में बसाने के लिए य़ोजना बना रही है.
सूत्र बताते हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर का नाम पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर किया जा सकता है. इस कदम के पीछे दलील ये कि सिर्फ नहीं बल्कि जम्मू का हिस्सा भी पाक के कब्जे में है.
पीओके का नाम पीओजेके करने की कोशिश मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक रणनीति है. दरअसल, मोदी सरकार का मानना है कि पीओके कहने से पूरी सच्चाई दुनिया के सामने नहीं आती. मोदी सरकार पूरी दुनिया को ये बताना चाहती है कि पाकिस्तान ने सिर्फ कश्मीर के हिस्से को नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर राज्य के हिस्से पर कब्जा कर रखा है.
जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने कई दूसरे एजेंडों पर भी काम करना शुरू कर दिया है. चुनाव के वक्त उन्होंने कश्मीरी पंडितों को लेकर भी वादा किया था. अब सरकार को एक्शन में आए एक हफ्ते भी नहीं बीते हैं कि गृह मंत्रालय ने शरणार्थियों के पुनर्वास की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.
इस प्रोजेक्ट के तहत कश्मीरी पंडितों को फिर से घाटी में बसाने की कोशिश होगी. राज्य सरकार के साथ मिलकर उन्हें मुक्कमल सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिश होगी.
मोदी सरकार के इस प्रोजेक्ट में सिर्फ कश्मीरी पंडित नहीं बल्कि उन सारे लोगों को शामिल किया जाएगा जो अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं.