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सरकार की अनदेखी से नाराज शहीद हेमराज के परिजन अनशन पर बैठे

मथुरा के शेरपुर में शहीद हेमराज के घरवाले सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. केंद्र और राज्‍य सरकारों की अनदेखी से नाराज और निराश होकर शहीद हेमराज का परिवार ने भूख हड़ताल कर दी है.

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मथुरा के शेरपुर में शहीद हेमराज के घरवाले सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगा रहे हैं. केंद्र और राज्‍य सरकारों की अनदेखी से नाराज और निराश होकर शहीद हेमराज का परिवार ने भूख हड़ताल कर दी है. हेमराज के गांववाले भी अनशन पर बैठे हैं. घरवालों का इल्जाम है कि सरकार और प्रशासन की ओर से ना तो शहीद के अंतिम संस्कार का कोई इंतजाम किया गया और ना ही उन्हें सांत्वना देने सरकार के मुख्यमंत्री आए.

शहीद हेमराज के घर की सिसकियों ने कई दर्द समेट रखे हैं. जवान बेटा देश के लिए शहीद हो गया कोई बात नहीं- दुख ये कि आखिरी बार उसका चेहरा भी नहीं देख पाए. घरवालों ने कलेजे पर पत्थर रख लिया. लेकिन दिल जार जार रोने लगा जब प्रदेश की सरकार और प्रशासन ने उपेक्षा की.

शहीद हेमराज का शव जब गांव पहुंचा तो गांववालों ने ट्रैक्टर के लाइट जलाए, और फिर अंतिम सस्कार के लिए खुद ही गैस और जनरेटर का इंतजाम किया. जबकि पुलिस प्रशासन को पहले ही इत्तला दी जा चुकी थी.

मथुरा प्रशासन ने शहीद के अंतिम संस्कार की अनदेखी की और उसी दिन मंत्री जी के कार्यक्रम में पुख्ता इंतजाम दिखा. कार्यक्रम के दौरान मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव को जब शहीद के अंतिम संस्कार की जानकारी दी गई तो पहुंच गए शेरपुर गांव- खानापूर्ति की और लौट आए.

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सरहद पर हेमराज के साथ मध्य प्रदेश के सुधाकर सिंह भी शहीद हुए. जब उनका शव घर पहुंचा तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद शहीद के घर पहुंचे और घरवालों को दिलासा दी. लेकिन शहीद हेमराज के घरवालों की आंखें आजतक अपने सूबे के सीएम का इंतजार कर रही हैं.

यूपी की अखिलेश सरकार ने भी खानापूर्ति कर दी है. शहीद हेमराज के परिजनों को 20 लाख देने का ऐलान किया है. लेकिन सवाल ये कि सरकार शहीद के गांव रुख करेगी कब. अब जरा उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार का जवाब सुन लीजिए

20 लाख का चेक लेकर आएंगे सरकार. लेकिन क्या उस चेक से अपमान और उपेक्षा का दंश खत्म हो जाएगा. क्या वो चेक मां के आंसुओं का हिसाब दे पाएगा. क्या वो चेक पत्नी की मांग को पूरा कर पाएगा.

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