रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पठनकोट हमले को लेकर पाकिस्तान कनेक्शन के अपने दावे को एक बार फिर दोहराया है. पुणे में गुरुवार को उन्होंने कहा कि जिस तरह एनआईए ने पाकिस्तानी जांच टीम को पठानकोट आने की इजाजत दी है, साफ जाहिर है कि इसमें पड़ोसी मुल्क का हाथ है.
मनोहर पर्रिकर ने कहा, 'पठानकोट हमले में शामिल लोगों की पहचान करना तफ्तीश का हिस्सा था. पकिस्तान के कनेक्शन के बारे में जो जांच हो रही है, उससे यह साबित हो रहा है कि मैंने जो कहा था वो सच था. एनआईए ने उन्हें पठानकोट में आने की इजाजत दी इसका मतलाब साफ है कि उनका इसमें हाथ है.' हालांकि रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि पूरी तफ्तीश होने तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता.
जाधव पर सवालों को टाल गए पर्रिकर
दूसरी ओर, पाकिस्तान द्वारा गिरफ्तार किए गए भारतीय कुलभूषण जाधव को लेकर किए गए सवालों का रक्षा मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया. जाधव को पाकिस्तान भारतीय जासूस बता रहा है, जबकि हाल ही उसके कबूलनामे का एक वीडियो भी जारी किया गया है. पर्रिकर ने गुरुवार को कहा, 'इसके बारे में भारत सरकार ने अपना बयान जारी किया है. इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करनी है, क्योंकि यह रक्षा विभाग के दायरे में नहीं आता.'
कंफ्यूजन में अंदर-बार करती है चीनी सेना
मार्च महीने में ही बीते दिनों चीन की सेना के भारतीय सरहद में घुसने के मुद्दे को मनोहर पर्रिकर ने 'कंफ्यूजन' बताया है. उन्होंने कहा, 'यह खबर गलत है. बॉर्डर को लेकर दोनों सेनाओं में कंफ्यूजन होने के कारण अंदर बाहर करते रहते हैं. इसे बैलन ड्रिलिंग कहते है. यह करके वो फिर पीछे जाते हैं. जितना वो हमारे बॉर्डर के अंदर आते हैं, उतनी हमारी सेना भी उनकी बॉर्डर पार करती है. अपनी सेना भी उतनी ही जिम्मेदार है.'
सेना के खर्च और मैनपावर को कम करने के निर्देश
रक्षा मंत्री ने बताया कि तीनों सेनाओं को खर्चा और कुछ में मैनपावर कम करने के निर्देश दिए गए हैं. सेना को स्लिम करने के सवाल पर मनोहर पर्रिकर ने कहा, 'हर एक संस्थान कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कोशिश करती रहती है. इसी कारण हमने निर्देश दिए हैं, लेकिन हम अपनी ताकत से कोई भी समझौता नहीं करेंगे.'
सेना और मेक इन इंडिया
पर्रिकर ने 'मेक इन इंडिया' के मुद्दे पर कहा, 'रूस से पहले ही करार कर लिया गया. लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर के बारे वो करार है. HAL को भी इजाजत दी है कि प्राइवेट कंपनी को मेक इन इंडिया में लाने के लिए, लेकिन वो कंपनियां अभी तक चिन्हित नहीं की गई हैं. हम शॉर्ट रेंज की मिसाइलें बना रहे हैं, लेकिन तब तक हम मिसाइल आयात करेंगे.'