नवजातों को बेचने के मामले में झारखंड स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) का मामला अब राजनीतिक रुख ले चुका है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. ममता ने ट्वीट कर लिखा कि MoC की स्थापना खुद मदर टेरेसा ने की थी और लेकिन अब इन्हें भी नहीं बख्शा जा रहा है. द्वेषपूर्ण तरीके से इनका नाम बदनाम किया जा रहा है.
ममता ने कहा कि MoC को परेशान ना किया जाए और गरीबों के हक में उन्हें काम करने दिया जाए. अब सिस्टर्स को निशाना बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था से मदर टेरेसा की प्रतिष्ठा जुड़ी है. इसलिए इसके आश्रय स्थलों से बच्चों के बेचे जाने की खबर के सामने आते ही काफी हंगामा शुरू हो गया. हालांकि रांची के बिशप ऑफ आर्कडियोसेस ने इसे 'कैथोलिक चर्च को बदनाम करने की साजिश' बताया.
Mother Teresa herself set up Missionaries of Charity. And now they are also not being spared. Malicious attempts to malign their name. The Sisters are being targeted. #BJP want to spare no one. Highly condemnable. Let MOC continue to do their work for the poorest of the poor
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 12, 2018
सिर्फ MoC के मसले पर ही नहीं बल्कि योगेंद्र यादव के मामले पर भी ममता ने सरकार को घेरे में लिया है. उन्होंने लिखा कि 2019 के लोकसभा चुनाव आ रहे हैं, इससे पहले अब बीजेपी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है और खुले तौर पर बदले की राजनीति कर रही है. मैं योगेंद्र यादव के बहनोई के अस्पताल में पड़ी आईटी की रेड की निंदा करती हूं.
2019 elections are coming. #BJP using the agencies to silence Opposition voices and openly doing political vendetta. Strongly condemn the IT raid on @_YogendraYadav Ji's family
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 12, 2018
ये मामला तब सामने आया था जब इस साल मई में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़े होम से एक नवजात शिशु को एक दंपति ने 1.20 लाख रुपए में लिया था. इस दंपति से नवजात के जन्म और चिकित्सा देखभाल के नाम पर ये रकम ली गई थी. दंपति का आरोप है कि चैरिटी संस्थान की ओर से ये आश्वासन देकर बच्चा वापस ले लिया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्चा लौटा दिया जाएगा. जब बच्चा वापस नहीं मिला तो दंपति ने इसकी शिकायत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से कर दी.
नवजातों की बिक्री के आरोप को लेकर पुलिस ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की ओर से संचालित होम की एक कर्मचारी अनिमा इंद्रवार और सिस्टर कोंसीलिया को गिरफ्तार कर लिया. दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. पुलिस इनसे आगे पूछताछ के रिमांड पर लेने के लिए अर्जी देगी. इस दौरान रांची में मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 17 शेल्टर होम में से छह में अनियमितताओं और अव्यवस्थाएं पाई गई हैं.
इन संस्थाओं में बदतर रखरखाव, कमजोर सुरक्षा व्यवस्था, फर्जी पंजीकरण जैसी शिकायतें देखने को मिली हैं. ये छह शेल्टर होम प्रेमाश्रय, बालाश्रय, नारी निकेतन, दिव्य सेवा संस्थान, समाधान और आदिम जाति सेवा मंडल हैं.