महाराष्ट्र में कांग्रेस राकांपा सरकार को झटका देते हुए केंद्र ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रवर्तित मुंबई मेट्रो को अपने किराए का ढांचा खुद तय करने की अनुमति दी है.
इस कदम से आर इंफ्रा को राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किराए से अधिक दर पर किराया तय करने की अनुमति होगी. कंपनी ने आज उम्मीद जताई कि वह मेट्रो को मई में परिचालन में लाने की स्थिति में होगी. उल्लेखनीय है कि जिन मुद्दों के चलते मेट्रो सेवाओं की शुरुआत में विलंब हुआ, उनमें किराया का भी मुद्दा शामिल है. मुंबई मेट्रोवन के मुख्य कार्यकारी अभय मिश्रा ने आज बताया कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने मुंबई मेट्रोवन को केंद्रीय मेट्रो कानून के तहत ला दिया है जिससे हमें किराए का ढांचा तय करने की अनुमति होगी. इसलिए, पूर्व में राज्य द्वारा अधिसूचित किराया अब लागू नहीं होगा.
राज्य सरकार की अधिसूचना के मुताबिक पहले साल न्यूनतम किराया 9 रुपये और अधिकतम किराया 13 रुपये रखा जाना था. बाद में हर चार साल में किराए में 11 प्रतिशत की वृद्धि की जानी थी और 35 साल की रियायती अवधि (2044.45) खत्म होने पर न्यूनतम किराया 24 रुपये और अधिकतम किराया 37 रुपये रखा जाना था.
लागत करीब दोगुनी होने का हवाला देते हुए आर इंफ्रा न्यूनतम किराया 22 रुपये और अधिकतम किराया 33 रुपये रखे जाने की मांग करती रही है और राज्य सरकार इसके खिलाफ थी.