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महाराष्ट्र के CM पद को लेकर BJP-शिवसेना में तकरार, संजय राउत ने उद्धव को घोषित किया सीएम उम्मीदवार

नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने मुश्किल से एक हफ्ता हुआ है. उधर महाराष्ट्र में बीजेपी अपनी सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर उलझ गई है. विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पक्ष अपने अपनी तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम दे रहे हैं.

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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)

नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने मुश्किल से एक हफ्ता हुआ है. उधर महाराष्ट्र में बीजेपी अपनी सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर उलझ गई है. विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पक्ष अपने अपनी तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के नाम दे रहे हैं.

अभी तक बीजेपी शिवसेना के बीच समझौता होता आया है कि विधानसभा चुनाव शिवसेना 171 सीटों पर और बीजेपी 117 सीटों पर लड़ती है. पर अब बीजेपी राज्य में शिवसेना के बड़े भाई का कद रास नहीं आ रहा. बीजेपी शिवेसना की छाया से बाहर निकलना चाहती है. कुछ बीजेपी नेताओं को लगता है कि बिना बालासाहेब की शिवसेना के पास कोई और चारा नहीं है. बीजेपी जो भी समझौता करे शिवसेना को उसी के साथ रहना है. इसलिए बीजेपी की तरफ से अभी से गोपीनाथ मुंडे और देवेंद्र फड़नवीस का नाम उछाला जाने लगा है. लेकिन शिवसेना अपनी जमीन छोड़ने को बिल्कुल तैयार नहीं है. संजय राउत ने कहा है पार्टी चाहती है उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का अगला सीएम उनकी पार्टी से होगा. अगर राज्य में कोई बदलाव ला सकता है तो सिर्फ शिवसेना ला सकती है.

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पर बीजेपी लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद मान कर चल रही है कि पुराना समझौता अब नहीं चलने वाला. सीट और मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत नए सिरे से होगी.

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब थोड़े दिन पहले बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष देवेन्द्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का संकेत दिए. इस पर फड़नवीस ने कहा था कि गोपीनाथ मुंडे खुद मुख्यमंत्री बनने लौट आएंगे, राज्य ने उन्हें उधार पर केन्द्र भेजा है. जिस पर आज सामना में छपा कि क्या मोदी को ये कर्ज और उधार का धंधा मंजूर है.

मुख्यमंत्री बनने के लिए लोगों ने कमर कस ली है. बल्कि बीजेपी में तो इस मुद्दे पर चिंतन बैठक तक हो गई है. ये महत्वपूर्ण है. बीजेपी के नेता देवेन्द्र फड़नवीस ने तो यहां तक कह दिया कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे को दिल्ली में तीन माह के लिए उधार पर दिया गया है. तीन महीने के बाद उन्हें ब्याज समेत वसूल कर लेंगे. तीन महीने बाद मुंडे को राज्य में ले आएंगे.

अभी बीजेपी कार्यकर्ता ये भी कहने लगे हैं कि केन्द्र में नरेन्द्र और राज्य में देवेन्द्र. इस बात से कई नेताओं को चिंता होने लगी. बल्कि मुंडे भी खुद कहने लगे, देश में नरेन्द्र राज्य में देवेन्द्र. मुंडे कहते हैं देवेन्द्र उत्तम है और देवेन्द्र कहते हैं कि मुंडे को तीन महीने के उधार पर दिल्ली भेज दिया है. लेकिन बीजेपी की ये नई ब्याज दर क्या नरेन्द्र मोदी को मान्य है जो भी सावकारी और ब्याज धंधा करेगी वो सिर्फ महाराष्ट्र की जनता करेगी.

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लोकसभा के बाद चुनाव का मंच छोटा हो गया है लेकिन सिय़ासत के हिसाब से हसरत छोटी नहीं है यहां शिवसेना के लिए नरेन्द्र मोदी मायने नहीं रखते. यहां बालासाहब का सपना महत्वपूर्ण है.

खुद को सीएम घोषित करने इसकी शुरुआत उद्धव के छोटे भाई राज ने की है. उन्होंने ही सबसे पहले महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया.

फिर बड़े बड़े दावेदार आए. महाराष्ट्र में पिछले सभी मौकों पर बीजेपी शिवसेना की सरकार में मुख्यमंत्री की कुर्सी शिवसेना को मिली है. लेकिन इस बार बीजेपी आत्मविश्वास से भरी हुई है. देश में दमदार प्रदर्शन के बाद उसे महाराष्ट्र के चुनाव में जीत तय दिख रही है और मुख्यमंत्री की कुर्सी निकट भविष्य का सत्य. लेकिन राज्य की सियासत में समीकरण जरा उलझे हुए हैं वहां दावेदारी शिवसेना की भी उतनी ही मजबूत है.

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