दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से सबक लेते हुए कांग्रेस की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने आज घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और हथकरघों के लिए बिजली की दरों में 20 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला किया.
सरकार द्वारा संचालित महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण (महावितरण) कंपनी द्वारा ली जाने वाली बिजली की दरों में कटौती का फैसला आज महाराष्ट्र कैबिनेट ने किया. एक अधिकारी ने कहा कि यह छूट सिर्फ उन उपभोक्ताओं को मिलेगी, जो 300 यूनिट से कम की खपत करेंगे. बिजली की दरों में यह कटौती मुंबई में लागू नहीं होगी, क्योंकि वहां बिजली वितरण का काम महावितरण के हाथों में नहीं है.
मुंबई के उपभोक्ताओं को टाटा पावर, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और बृहन्नमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एवं ट्रांसपोर्ट द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है. महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में किया है, जब पिछले ही दिनों कांग्रेस सांसद संजय निरूपम और प्रिया दत्त ने बिजली की दरों में कमी करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. अधिकारी ने कहा कि बिजली की दरों में कटौती की भरपाई के लिए सरकार महावितरण को 606 करोड़ रुपए प्रति महीने देगी.
महावितरण राज्य के 2.14 करोड़ उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करती है, जिसमें 1.43 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं. राज्य के उद्योग मंत्री नारायण राणे की अध्यक्षता में बनी समिति की सिफारिश पर बिजली की दरों में कटौती का फैसला किया गया है.