वोटरों को लुभाने और रूठों को मनाने के इरादे से हरियाणा सरकार ने बिजली की दरें घटा दी हैं. हाल ही में राज्य सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाई थीं लेकिन गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा ने इस बढ़ोतरी को वापस लेने का फैसला किया.
इतना ही नहीं किसानों को खुश करने के लिए राज्य सरकार ने खेती के लिए दी जाने वाली बिजली की दरें 60 प्रतिशत तक घटा दी हैं. पहले जहां एक यूनिट के लिए 60 पैसे देने पड़ते थे वहीं अब किसानों को सिर्फ 25 पैसे देने होंगे. ये दरें इसी महीने से लागू होंगी.
पिछल साल मार्च में सरकार ने बिजली की दरें 13 प्रतिशत तक बढ़ाई थीं. इसका राज्य भर में भारी विरोध हुआ था. हालांकि बाद में सरकार ने 40,000 ग्राहकों को 200-200 रुपये की राहत दी थी लेकिन उससे लोग खुश नहीं हुए.
मुख्य मंत्री ने चंडीगढ़ में कहा कि सरकार ने बिजली की दरों में अप्रैल 2012 में की गई बढ़ोतरी को वापस ले लिया है. यह राहत 500 यूनिट तक खपत करने वालों को ही मिलेगी. फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट पहले जितना ही रहेगा. इसके चलते हर दो महीने में 1,000 यूनिट खपत करने वालों को ओल्ड स्लैब सिस्टम का लाभ मिल जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों को घटाने के फैसले से 38 लाख ग्राहक लाभान्वित होंगे. इसके अलावा साढ़े पांच लाख किसानों को भी फायदा होगा.
अपने प्रतिद्वंद्वियों को बाहर किया
मुख्यमंत्री हुडा ने लोक सभा चुनाव के लिए बनाई गई कांग्रेस समिति से अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों को दूर रखा है. उनसे नाराज रहने वाले किसी भी नेता को इसमें जगह नहीं दी गई है. समझा जाता है कि इससे पार्टी में गुटबाजी और बढ़ेगी.
केन्द्रीय मंत्री कुमार से शैलजा, राज्य सभा सदस्य बीरेन्दर सिंह चौधरी और ईश्वर सिंह को इस समिति से बाहर रखा गया है. ये सभी हुडा से नाराज रहते हैं. इस समिति की बैठक 21 जनवरी को चंडीगढ़ में होगी. दिलचस्प बात यह है कि राज्य में पार्टी को कोई अध्यक्ष भी नहीं है.