मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार और चेन्नई कॉर्पोरेश को बैनर गिरने से सुबाश्री की मौत मामले में अवैध बैनर हटाने में नाकाम अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही हाईकोर्ट ने सुबाश्री के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है.
स्कूटी सवार सुबाश्री की गुरुवार को एक अवैध बैनर गिरने से सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने कहा है कि अवैध बैनर को हटाने में नाकाम रहने वाले अधिकारियों से पैसा वसूला जाए.
गौरतलब है कि बीते दिन तमिलनाडु के चेन्नई से एक दर्दनाक घटना सामने आई थी. जहां स्कूटी सवार एक 23 साल की लड़की की कथित तौर पर बैनर गिरने से मौत हो गई थी. 23 वर्षीय लड़की पर AIADMK का अवैध रूप से लगा हुआ बैनर आ गिरा था, जिसकी वजह से लड़की की जान चली गई.
यह घटना गुरुवार (12 सितंबर) दोपहर की है. पल्लीकरनई में सड़क पर लगा AIADMK का अवैध बैनर स्कूटी से जा रही लड़की के ऊपर गिर गया. बैनर काफी बड़ा था जिसके गिरने से लड़की स्कूटी से नीचे गिर गई. इसके बाद पीछे से आ रहे ट्रक ने लड़की को कुचल दिया. घटना में लड़की की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
पुलिस के अनुसार, सुबाश्री एक बीटेक ग्रेजुएट थी और क्रोमेट की रहने वाली थी. वो परीक्षा देने के बाद घर जा रही थी. उसने बेहतर और उच्च अध्ययन के लिए कनाडा जाने की योजना बनाई थी. पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के वक्त लड़की ने हेलमेट नहीं पहना था.
AIADMK के कार्यकर्ता सी जयगोपाल ने पल्लीकरनई में रेडियल रोड पर अपने बेटे की शादी के जश्न के लिए नेताओं के स्वागत में बैनर लगाए थे. लड़की की मौत के बाद ट्विटर पर #whokilledsubashree ट्रेंड करने लगा और लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला.
गौरतलब है कि मद्रास उच्च न्यायालय ने अवैध बैनरों के खिलाफ कई आदेश पारित किए हैं. 2017 में अदालत ने जीवित व्यक्तियों वाले होर्डिंग्स और फ्लेक्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, राज्य में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और कई अन्य दलों ने नियमों का बार-बार उल्लंघन किया है.
बैनर के कारण मौत की यह पहली घटना नहीं है बल्कि इससे पहले भी यहां कई घटनाएं हो चुकी हैं. नवंबर, 2017 में एमजीआर शताब्दी वर्ष समारोह के लिए कोयम्बटूर में सत्तारूढ़ AIADMK द्वारा लगाए गए एक बैनर से टकराने के बाद 30 वर्षीय तकनीकी विशेषज्ञ रघुपति कंदासामी की मौत हो गई थी.