संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से राज्यसभा के कई सांसद नदारद रहे. बैठक में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद गैर मौजूद रहे. राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस पर चिंता जताई है. उधर एनडीए की बैठक से शिवसेना की गैरमौजूदगी को लेकर लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने अपने पुराने साथियों का याद किया.
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना में अलगाव के बीच हुई एनडीए की बैठक में भी शिवसेना की चर्चा हुई और घटक दलों में तालमेल बनाए जाने की मांग उठी. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पहले ही एनडीए में समन्वय के लिए समिति बनाए जाने की मांग उठा चुका है और अब लोकजन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी मांग उठाई है.
एनडीए की बैठक खत्म होने के बाद चिराग पासवान ने कहा, 'प्रधानमंत्री को सुनना अच्छा लगा. शिवसेना की कमी खली. शिवसेना बैठक से नदारद रही. लोजपा के तौर पर हम कहना चाहते हैं कि हमें एनडीए में समन्वय बनाए जाने की जरूरत है. इसके लिए किसी को संयोजक नियुक्त किया जाना चाहिए.'
Had a very good NDA meeting. Our alliance represents India’s diversity and the aspirations of 130 crore Indians. Together, we will leave no stone unturned in ushering a qualitative change in the lives of our farmers, youngsters, Nari Shakti and the poorest of the poor. pic.twitter.com/Mm8Rc5kkaO
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सहयोगी दलों की चिंता से सहमत नजर आए. उन्होंने कहा कि हम परिवार हैं. हम लोग मिलकर लोगों के लिए काम करते हैं. हमें बड़ा जनादेश मिला और हमें उसका सम्मान करना चाहिए. शिवसेना का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा, 'विचारधारा एक नहीं होने के बावजूद हम एक समान सोचने वाले लोग हैं. छोटे-छोटे विवादों से हमें परेशान नहीं होना चाहिए. आपस में तालमेल के लिए समन्वय कमेटी बनाई जानी चाहिए.'
सभापति ने जताई चिंता
सूत्रों का कहना है कि सर्वदलीय बैठक में एनसीपी का भी कोई प्रतिनिधि नहीं था. हालांकि शिवसेना और एनसीपी ने अपने सांसदों की अनुपस्थिति के बारे में पहले ही राज्यसभा के सभापति को सूचना दे दी थी. सांसदों की अनुपस्थिति को लेकर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चिंता जताई है.
महाराष्ट्र में संभावित गठबंधन की तरफ बढ़ रहे एनसीपी और शिवसेना जैसे प्रमुख दल सोमवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले संसद में महत्वपूर्ण बैठकों से गायब रहे. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने स्पष्ट किया कि शिवसेना सत्र में एनडीए का हिस्सा नहीं होगी. जोशी ने कहा, 'वे (शिवसेना) कांग्रेस के साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से, उन्होंने विपक्ष में बैठने का विकल्प चुना है.'
सरकार चर्चा को तैयार
बहरहाल, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने मांग की कि सत्र के दौरान आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है. 27 दलों के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया.
जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र भी पिछले सत्र जितना ही फलदायी होना चाहिए. उन्होंने मोदी को यह कहते हुए उद्धृत किया, सरकार सदनों के नियमों और प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि संसद में रचनात्मक चर्चा नौकरशाही को भी सतर्क रखती है.
कौन-कौन नेता थे उपस्थित
इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने भाग लिया. बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और राज्यसभा में विपक्ष के उप नेता आनंद शर्मा भी मौजूद थे.
बैठक में उपस्थित नेताओं में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन, लोजपा नेता चिराग पासवान और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, तेलुगु देशम पार्टी के जयदेव गल्ला और YSRCP के नेता वी विजयसाई रेड्डी भी शामिल थे.