चंडीगढ़ में डेरा बाबा नानक में होने वाले अलग-अलग धार्मिक समारोहो को लेकर बैठक आयोजित की गई. शुक्रवार को आयोजित की गई ये बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में की गई. इसमें आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई, के नेता और कुछ धार्मिक संगठनों के लोग शामिल हुए. इस बैठक में अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के नेता शामिल नहीं हुए.
केंद्र सरकार से अपील
इस बैठक में केंद्र सरकार से अपील की गई की 9 नवंबर को होने वाले समारोह को दो स्थानों के बजाए एक ही स्थान पर मनाया जाए. पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, 'आज की मीटिंग में पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद किया गया कि श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए अब पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.'
वहीं पाकिस्तान से यह आग्रह भी किया गया कि $20 की जो फीस लगाई गई है वह भी माफ कर दी जाए. डेरा बाबा नानक में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहे दो प्रोग्रामों के स्थान पर एक प्रोग्राम किया जाए. साथ ही इस प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे लोग शिरकत करने की अपील की.
सुखजिंदर रंधावा ने उठाए सवाल
वहीं सुखजिंदर रंधावा ने कहा, 'श्री गुरु नानक देव जी ने सांझीवालता का संदेश दिया था और सभी को इकट्ठा होकर एक स्थान पर ही प्रोग्राम करना चाहिए. उन्होंने कहा, 'जिस तरह से केंद्र सरकार ने अचानक यह प्रोग्राम बनाया है. उसने सभी को हैरत में डाल दिया है. क्योंकि पंजाब सरकार ने अपने प्रोग्राम के लिए जो प्रबंध किए थे वह लगभग पूरे कर लिए गए थे और क्या पंजाब के लोगों को दरकिनार करके केंद्र सरकार वहां पर प्रोग्राम करवाना चाहती है.'
पंजाब सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा और अकाली दल का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. अकाली दल का कहना था कि इस सर्वदलीय मीटिंग के बारे में ना तो कोई संदेश और ना ही किसी तरह की जानकारी उन्हें मिली है. साथ ही अकाली दल के नेता यह ताना भी देते हैं कि गुरु साहिब से जुड़े किसी भी मामले में वह किसी भी तरीके से शरीक होने के लिए हमेशा तैयार है और इसे राजनीति से दूर ही रखना चाहिए.