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सावधान! NCR में तेंदुए घूम रहे हैं

हापुड़ में एक तेंदुए को गांव वालों ने मार डाला और उसके पहले दो और तेंदुओं को आस-पास के इलाकों में मार डाला गया है. ये दरअसल तेंदुए के बच्चे थे और इनकी उम्र कोई डेढ़-दो साल थी. ये खाने की तलाश में भटक कर गांवों की ओर चले आए और गांव वालों ने उन्हें घेरकर मार डाला जो गैरकानूनी काम था.

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हापुड़ में एक तेंदुए को गांव वालों ने मार डाला और उसके पहले दो और तेंदुओं को आस-पास के इलाकों में मार डाला गया है. ये दरअसल तेंदुए के बच्चे थे और इनकी उम्र कोई डेढ़-दो साल थी. ये खाने की तलाश में भटक कर गांवों की ओर चले आए और गांव वालों ने उन्हें घेरकर मार डाला जो गैरकानूनी काम था.

एक अंग्रेजी खबार ने खबर दी है कि इस समय ग्रेटर नोएडा और हिंडन हवाई अड्डे के पास के इलाकों में तेंदुए घूमते देखे गए हैं. इनके अलावा दक्षिणी दिल्ली के बाहरी इलाकों में भी तेंदुए दिखाए पड़े हैं. इतना ही नहीं हरियाणा के मानेसर के इर्द-गिर्द भी कई बार तेंदुए देखे गए हैं.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि तेंदुओं के रहने के इलाकों में अतिक्रमण हो गया है और वहां बिल्डर मकान बना रहे हैं. इसके अलावा आस-पास के इलाकों में जंगल तेजी से कटते जा रहे हैं. इससे तेंदुओं को रहने की समस्या हो गई है. न उनके पास रहने की उपयुक्त जगह है और न ही उन्हें खाने के लिए कुछ मिल पा रहा है. ऐसे में ये भटक कर आबादी वाले इलाकों में आ जाते हैं जहां उन्हें कुछ खाना-पीना मिल जाता है.

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लेकिन लोग इन्हें देख कर डर जाते हैं और कई बार मार डालते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ये मनुष्य पर हमला तब तक नहीं करते जब तक उनकी जान को खतरा नहीं हो जाता है.

वाइल्डलाइफ प्रोटेकेशन सोसायटी की डायरेक्टर बेलिंडा राइट ने अखबार को बताया कि तेंदुए यहां आसपास के इलाकों में दशकों से रह रहे हैं और वे मनुष्य से बचते हैं. वे जगह और हालात के हिसाब से अपने को बदल लेते हैं. वे बड़े नालों के आस-पास भी रह लेते हैं और वहां छोटे नीलगाय, जंगली सुअर, खरगोश, चिड़िया वगैरह खा कर रह लेते हैं.

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