राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' में ललित मोदी विवाद को लेकर यूपीए सरकार पर दोष मढ़ा है. 'ऑर्गनाइजर' ने शनिवार को अपने संपादकीय में कहा कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख का नेताओं के साथ संबंध पर विवाद अचानक नहीं हैं. इसमें पूरे कांड के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है.
ऑर्गनाइजर के संपादकीय में लिखा है, 'ललित मोदी कांड और उनके विभिन्न नेताओं के साथ संबंध पिछले कुछ दिनों में फिर से सामने आए हैं. यह अचानक नहीं हुआ. इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट में किसी भी पद से प्रतिबंधित किए जाने के बाद 2013 में घोषणा की थी कि वह उनके पीछे पड़ने वाले हैं.'
संपादकीय के मुताबिक मोदीगेट ने क्रिकेट में व्याप्त गंदगी को साफ करने के लिए एक सुनहरा अवसर दिया है साथ ही आईपीएल की कारोबारी लेनदेन की गहन जांच करने की अपील की गई है. संपादकीय में कहा गया है कि ताजा खुलासे यूपीए सरकार से कहीं अधिक स्पष्टीकरण की मांग करते हैं क्योंकि मुख्य कांड पिछले शासन के तहत हुआ था.
मुखपत्र के मुताबिक यह भी हैरान करने वाला है कि आईपीएल बनाने में शामिल शरद पवार और एन. श्रीनिवासन जैसे लोगों के नामों का चर्चा में जिक्र नहीं किया गया है. किसी व्यक्ति विशेष को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाने की बजाय खेल में ईमानदारी से सवालों को हल करने की जरूरत है.
संपादकीय में कहा गया है कि बीसीसीआई का कामकाज हर संभव उपाय का इस्तेमाल कर पारदर्शी होना चाहिए. 'यदि हम इसमें चूक जाते हैं तो ये दाग हर किसी पर होंगे और आखिरकार इससे क्रिकेट की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचेगा. फिर ना खेल होगा ना कारोबार..'