जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के हलमतपुर में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ बुधवार को खत्म हो गई. हालांकि सुरक्षाबलों की आरे से आज भी इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. बता दें, इस मुठभेड़ में सेना के तीन और पुलिस के दो जवान शहीद हो गए. वहीं, पांच आतंकवादी मारे गए हैं.
बता दें, चार आतंकियों को मंगलवार को ही मार गिराया गया था. कुपवाड़ा के हलमतपुर इलाके में और आतंकियों के छिपे होने की आशंका पर सुरक्षा बलों ने बुधवार को फिर से तलाशी ऑपरेशन शुरू किया था. सर्च ऑपरेशन के दौरान ही आतंकियों के साथ दोबारा मुठभेड़ शुरू हो गई. जिसमें सेना के तीन जवान और पुलिस के दो जवान भी शहीद हो गए.
J&K: Mohammad Yusuf and Deepak Thesoo, the two police personnel who lost their lives in Kupwara encounter pic.twitter.com/xgDV3HRpKh
— ANI (@ANI) March 21, 2018
सेना के मुताबिक हलमतपुर इलाके में ढेर किए गए आतंकियों की संख्या पांच है. इन आतंकियों की पहचान की जा रही है. हालांकि माना जा रहा है कि ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना और पुलिस के संयुक्त दस्तों ने मंगलवार को इलाके में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.
Kupwara encounter UPDATE: Body of another terrorist recovered, five terrorists have been killed so far. Three security personnel have lost their lives #JammuAndKashmir
— ANI (@ANI) March 21, 2018
सेना ने कहा कि मंगलवार को श्रीनगर शहर से लगभग 110 किलोमीटर दूर जिले के हलमतपुर इलाके में मुठभेड़ शुरू हुई. हालांकि, मुठभेड़ बुधवार को ही खत्म हो गई थी. लेकिन इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है.
इस साल 64 आतंकी घटनाएं: गृह मंत्रालय
राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने लिखित जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर में वर्ष 2015 में 208, वर्ष 2016 में 322, वर्ष 2017 में 342 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 64 आतंकी हिंसा की घटनाओं को दर्ज किया गया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2015 में 17, वर्ष 2016 में 15, वर्ष 2017 में 40 और 11 मार्च 2018 तक कुल 2 नागरिक मारे गए. जबकि इस दौरान वर्ष 2015 में 108, वर्ष 2016 में 150, वर्ष 2017 में 213 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 20 आतंकवादी मार गिराए गए.
गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वर्ष 2015 में 39 , वर्ष 2016 में 82, वर्ष 2017 में 80 और वर्ष 2018 की 11 मार्च तक 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं.