गांव और गोत्र में शादी का विरोध करने वाली ख़ाप पंचायतों ने फ़ैसला किया है कि वे अपनी मान्यताओं को मनवाने के लिए क़ानून में बदलाव की मांग करेंगी. कुरुक्षेत्र में मंगलवार को खाप महापंचायत बैठी जिसमें सभी खापों के दो से तीन हजार नुमाइंदे शामिल हुए.
पंचायत के बाद प्रतिनिधियों ने सड़क पर जाम लगाकर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए. पंचायत में तय किया गया कि हिंदू विवाह क़ानून में बदलाव करवाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी. साथ ही पंचायत ने अंतरजातीय विवाह को मान्यता देने का फ़ैसला किया है.
समान गोत्र में विवाह के खिलाफ अपने फैसलों के चलते आलोचना के घेरे में आई खाप पंचायतों ने अपनी एक खाप महापंचायत बुलाकर मंगलवार को नाफरमानी वाला रुख अख्तियार करते हुए ऐलान किया कि वह सम्मान की खातिर हुई एक दंपति की हत्या के मामले में एक पखवाड़े पूर्व दोषी करार दिये गये सात लोगों के पक्ष में कानूनी लड़ाई लड़ेंगी.
हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के कुछ क्षेत्रों की कुल 36 खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों की बैठक ‘सर्वजाति खाप महापंचायत’ में हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन की मांग उठी ताकि समान गोत्र में विवाह करने पर पाबंदी लगायी जा सके.
गत 30 मार्च को करनाल की एक अदालत के उस ऐतिहासिक फैसले के बाद यह महापंचायत बुलायी गयी जिसमें 23 वर्षीय मनोज और 19 वर्षीय बबली की 2007 में हुई हत्या के मामले में पांच लोगों को मौत की सजा सुनायी गयी थी. मनोज और बबली के समान गोत्र में विवाह करने के बाद उनकी हत्या कर दी गयी थी. हत्या का आदेश देने वाली खाप पंचायत के प्रमुख को उम्र कैद, जबकि दंपति का अपहरण करने वाले वाहन चालक को सात वर्ष कैद की सजा सुनायी गयी.