शनिवार को आंध्र प्रदेश के चित्तूर में पुलिस और चरमपंथी संगठन अलमुन तहीम फोर्स के आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. पुलिस ने दावा किया है कि एक गुट के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस हमले में एक इंस्पेक्टर को गोली लगी है.
गौरतलब है कि यह वही संगठन है जिस पर 2011 में लालकृष्ण आडवाणी की रैली में पाइप में बम रखने का आरोप है. यही संगठन हाल ही में बीजेपी और संघ परिवार इकाई के नेताओं की हत्या के महत्वपूर्ण संदिग्ध है.
डीजीपी के. रामानुजम ने कहा कि इसी संगठन के ‘पुलिस फखरूद्दीन’ को तमिलनाडु पुलिस की विशेष जांच संभाग ने गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा फरार संदिग्ध के बारे में बताया जाता है कि वह पिछले साल अप्रैल में बेंगलूर में बीजेपी कार्यालय के बाहर बम विस्फोट और कुछ अन्य मामलों में भी शामिल था.
पुलिस ने बताया कि आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु सीमा पर चित्तूर में एक घर में मुठभेड़ चल रही है. इन लोगों पर कई मामलों में शामिल होने का संदेह है. घटना के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने कहा कि वह सूचना का इंतजार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पुलिस बीजेपी की प्रदेश इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारी ऑडिटर रमेश और हिंदू मुन्नानी नेता वेल्लैयप्पन की हत्या की जांच कर रही है. उसने हाल में मामले में चार संदिग्धों का पता लगाने के प्रयासों को तेज कर दिया और एक लाख पोस्टर प्रिंट किए, जिसमें उनमें से प्रत्येक के बारे में सूचना देने पर पांच-पांच लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की.
चार संदिग्ध हैं- पुलिस फखरूद्ददीन, बिलाल मलिक, पन्ना इस्माइल और अबु बकर सिद्दीकी भी मदुरै जिले में तिरूमंगलम के निकट बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के यात्रा के मार्ग में पाइप बम रखने के मामले में वांछित हैं.
मुख्यमंत्री जयललिता ने सलेम और वेल्लूर में हाल में रमेश और वेल्लैयप्पन की हत्या में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए एसआईडी का गठन करने का आदेश दिया था.