केरल को शराब मुक्त राज्य बनाने के मद्देनजर सूबे की सरकार द्वारा यहां के 730 मयखानों (बार) को बंद करने के फैसले के बाद शराब समर्थक लॉबी इस स्थिति से निपटने के तिकड़म में जुट गई है.
मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने शुक्रवार को नई शराब नीति को अंतिम रूप दिया. वह 26 अगस्त को केरल उच्च न्यायालय में 10 सालों के भीतर राज्य में शराब को पूरी तरह प्रतिबंधित करने वाली नीति का खाका प्रस्तुत करेंगे. केरल बार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजू रमेश ने कहा, 'हमारे पास अदालत की शरण में जाने के सिवा कोई चारा नहीं है.'
रमेश ने कहा, 'इस बारे में हम बैठक कर रहे हैं, जिसके बाद इसपर निर्णय लिया जाएगा कि राज्य सरकार के इस फैसले के बाद हमें आगे क्या करना है.' हालांकि अगले वित्त वर्ष से शराब राज्य के 16 पांच सितारा होटलों और 344 सरकारी दुकानों में ही उपलब्ध रहेगी. केरल को शराब मुक्त बनाने का लक्ष्य दो अक्टूबर, 2013 रखा गया है.
फोरम के एक सदस्य ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'अपनी वास्तविक परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए हमने उनसे मुलाकात करने का निर्णय लिया है.' इसी बीच केरल होटल एंड रेस्तरां संगठन मामले पर चर्चा के लिए 28 अगस्त को बैठक करेंगे. सत्तारूढ़ कांग्रेस और उसके सहयोगी द इंडियन युनियम मुस्लिम लीग ने राज्य में शराब पर प्रतिबंध के फैसले के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी है.