केरल के शिक्षा मंत्री पी. के. अब्दु राब ने मंगलवार को कहा कि वह कॉलेज परिसर में लड़के-लड़कियों के साथ-साथ या आसपास बैठने के पक्ष में नहीं हैं. उनकी इस टिप्पणी को लेकर विवाद छिड़ गया है.
हालांकि उन्होंने कहा, एक ही कक्षा में अलग-अलग कुर्सियों पर विद्यार्थियों के बैठने से उन्हें कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है कि राज्य के किसी कॉलेज में छात्र और छात्राएं आपस में एक साथ बैठते हैं या नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘अलग-अलग कुर्सियों पर विद्यार्थियों के बैठने से मुझे कोई आपत्ति नहीं है.’ उन्होंने कहा कि उन्हें फारूक कॉलेज से कोई शिकायत नहीं मिली है.
फारुक कॉलेज में कक्षा में एक बेंच में छात्र और छात्राओं के एक दूसरे के पास बैठने पर कॉलेज के प्रबंधन ने पहले वर्ष के छात्र दीनू को निलंबित कर दिया था .विद्यार्थियों से ‘नियमों का उल्लंघन करने पर अपने अभिभावकों को बुलाने और माफी मांगने को कहा गया. अन्य लोगों ने प्रबंधन के इस आदेश को मान लिया, जबकि दीनू यह कहते हुए मना कर दिया कि उसने कोई अपराध नहीं किया है. इसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया। इस मामले में दिनू केरल उच्च न्यायालय चला गया, जिसके उसके निलंबन पर रोक लगा दिया.
लिंग भेद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे फारूक कॉलेज के छात्रों का फेसबुक कमेंट के जरिए कथित रूप से समर्थन करने वाले मल्लपुरम के एक सहायता प्राप्त कॉलेज के व्याख्याता को सेवा से बख्रास्त कर दिया गया है. अरीकोड स्थित सुल्लामुसलम साइंस कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में अतिथि व्याख्याता सी. पी. मोहम्म्द शफीक ने दावा किया है कि उन्हें दीनू का समर्थन करने के कारण हटाया गया है. दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि कार्रवाई पोस्ट में अभद्र भाषा के प्रयोग को लेकर हुई है.
-इनपुट भाषा