संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में तनाव जारी है. हिंसा रोकने के लिए शनिवार से ही लागू कर्फ्यू मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रहा. यहां समाचार-पत्र भी प्रकाशित नहीं हो रहे हैं और न ही इंटरनेट या केबल टेलीविजन चालू हैं.
इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यदि अफजल के परिजन तिहाड़ जेल स्थित उसकी कब्र पर जाकर नमाज अदा करना चाहते हैं और इसके लिए उनसे सम्पर्क करते हैं तो वह हर सम्भव मदद करेंगे. उन्होंने यह बात सोमवार शाम एक रेडियो चैनल से कही. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि घाटी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति से निपटते वक्त सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतने के आदेश दिए गए हैं.
उधर, प्रदर्शन के दौरान अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. उत्तरी कश्मीर के गांदरबल जिले में बैतविना गांव के लोगों का कहना है कि दो युवकों की मौत डूबने से हो गई, क्योंकि सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें खदेड़ा जा रहा था, जिससे डरकर उन्होंने नदी में छलांग लगा दी. वहीं, पुलिस का कहना है कि युवकों की मौत झेलम नदी में नौका डूबने से हुई. राज्य सरकार ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने की घोषणा की है.
कश्मीर घाटी में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन किसी स्थानीय समाचार-पत्र का प्रकाशन नहीं हुआ. स्थानीय सम्पादकों ने बताया कि उन्हें अनौपचारिक तरीके से बताया गया है कि वे अपने समाचार-पत्रों का संपादन शुक्रवार तक रोक दें. दैनिक 'कश्मीर इमेज' के संपादक बशीर मंजर ने कहा, 'यदि प्रशासन ने ऐसा अफवाहों को रोकने के लिए किया है तो यह बहुत गलत निर्णय है.'
केबल टेलीविजन का संचालन और इंटरनेट सुविधाएं भी श्रीनगर में बंद हैं. बीएसएनएल ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं का हालांकि कहना है कि उनकी सेवा चल रही है.
इस बीच, अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने लोगों से कहा है कि वे शुक्रवार तक प्रदर्शन करते हैं, जब ईदगाह मैदान तक मार्च की घोषणा की गई है. उनके प्रवक्ता ने कहा, 'हम अफजल का शव उसके परिजनों को सौंपने की मांग करेंगे.'