कर्नाटक में सत्ता बदल गई है, अब एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी का शासन है. अब एक बार फिर राज्य में टीपू जयंती को लेकर विवाद सामने आया है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक बोपैया ने मुख्यमंत्री बीएस. येदियुरप्पा को चिट्ठी लिख राज्य में टीपू जयंती के जश्न पर रोक लगाने की मांग की गई है. इससे पहले कर्नाटक में जब कांग्रेस-जेडीएस की सरकार थी, तो ये समारोह काफी धूमधाम से मनाया जाता था.
बता दें कि राज्य में टीपू जयंती का मुद्दा पहले से गर्म रहा है और भारतीय जनता पार्टी अक्सर इसका विरोध करती रही है. 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती हर साल 10 नवंबर को मनाई जाती है. लेकिन अब जब राज्य में बीजेपी की सरकार है तो देखना होगा कि मुख्यमंत्री बीएस. येदियुरप्पा इस पर क्या फैसला लेते हैं?

पिछले साल भी कांग्रेस-जेडीएस सरकार के दौरान इस जयंती को धूमधाम से मनाया गया था. कांग्रेस के सिद्धारमैया कई जगह कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना भी साधा था. सिद्धारमैया का कहना था कि राज्य में महापुरुषों की जयंती मनाने की रस्म पहले से चलती आई है, हम भी उसी प्रथा को आगे बढ़ा रहे हैं.
हालांकि, पिछले बार जयंती पर हुए विवाद के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे.
वहीं अगर इस मसले पर भाजपा के रुख की बात करें तो वह हर बार आक्रामक ही रहा है. BJP टीपू सुल्तान को कट्टर मुस्लिम शासक बताती है. BJP और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण कराया. जबकि साल 2014 की गणतंत्र दिवस परेड में टीपू सुल्तान को एक अदम्य साहस वाला महान योद्धा बताया गया था.