जस्टिस जोसफ कुरियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर सूचित कर दिया है कि वह शनिवार की रात के डिनर में शामिल नहीं हो पाएंगे. कुरियन ने इस पत्र में सभी हाईकोर्ट के
मुख्य न्यायाधीशों की कॉन्फ्रेंस गुड फ्राइडे के दिन आयोजित करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की है.
'गुड फ्राइडे के दिन काम नहीं कर सकते'
दिल्ली में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीशों की कॉन्फ्रेंस 3 अप्रैल यानी गुड फ्राइडे के दिन शुरू हुई थी और शनिवार को रात 8 बजे सभी न्यायाधीशों के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष डिनर
का आयोजन किया है. जस्टिस कुरियन ने मोदी को लिखे अपने खत में कहा कि वो इस डिनर में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि इसका आयोजन गुड फ्राइडे के जश्न के साथ हो रहा है वो इन
दिनों अपने परिवार के साथ केरल में रहेंगे.
कुरियन ने अपने पत्र में मोदी को लिखा, 'इस तरह का त्योहार लोग अपने परिवार के साथ मनाना पंसद करते हैं. दिवाली, दशहरा, होली या ईद के दिन
नहीं ऐसे आयोजन नहीं किए जाते हैं और आप भी नहीं चाहेंगे कि इस तरह के आयोजन ना हों.'
चीफ जस्टिस ने ठहराया जायज
जस्टिस कुरियन मोदी की तरह देश के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू को भी इसी तरह की आपत्ति जता चुके हैं, लेकिन दत्तू आपत्ति को खारिज भी कर चुके हैं. दत्तू ने न्यायाधीशों की कॉन्फ्रेंस
गुड फ्राइडे के दिन कराने को जायज ठहराया था. उन्होंने इस बारे में ईसाई समुदाय के वकीलों की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया था. गौरतलब है कि ईसाई समुदाय के वकीलों ने भी 3
अप्रैल को गुड फ्राइडे के दिन से शुरू हुई इस कॉन्फ्रेंस के आयोजन पर कड़ी आपत्ति जताई थी. जज कॉन्फ्रेंस के आयोजन को लेकर ईसाई समुदाय की आपत्ति का यह मसला चीफ जस्टिस
एचएल दत्तू और जस्टिस एके मिश्रा के नेतृत्व वाली एक पीठ के सामने मौखिक रूप से उठाया गया था.