गृह मंत्रालय ने उन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिवों की बैठक बुलाई और उनसे अधिकारियों के तबादले को लेकर राय मांगी. लेकिन दिल्ली सरकार ने कई ऐसे अधिकारियों को बाहरी राज्यों में भेजने से साफ मना कर दिया, जिनका नियम के मुताबिक तबादला होना चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव एस सी एल दास, पीडब्ल्यूडी सचिव अरुण बरोका और खाद्य और आपूर्ति सचिव एस एस यादव, ऊर्जा सचिव शकुंतला गामलिन जैसे सीनियर अफसरों के तबादले पर मुहर लगनी थी. लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इन तमाम अधिकारियों को ये कहते हुए छोड़ने से साफ मना कर दिया कि ये अधिकारी कई अहम सरकारी योजनाओं को लागू करने में लगे हैं.
केजरीवाल सरकार की ओर से मीटिंग में मुख्य सचिव के के शर्मा मौजूद थे. सूत्रों की मानें तो केजरीवाल सरकार की ओर से इस बात पर भी आपत्ति जताई गई कि इस मीटिंग का एजेंडा गृह मंत्रालय ने पहले से मुहैया नहीं कराया था. आम तौर पर ये मीटिंग महज कुछ मिनटों तक चलती है लेकिन दिल्ली सरकार के विरोध के बाद कई और राज्यों ने भी अपनी जरुरतों के मुताबिक अधिकारियों के तबादले करने की बात कही और मीटिंग चार घंटे से भी ज़्यादा तक खिंच गई.
यानी अब ताजा केजरीवाल और मोदी सरकार के बीच ताजा विवाद सीनियर अधिकारियों के तबादले को लेकर हो सकता है. तबादला किन अधिकारियों का होगा और किनका नहीं इस पर गृह मंत्रालय को आखिरी फैसला लेना है.
इनपुट IANS