आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य बनाए जाने के फैसले के बाद जम्मू को एक अलग राज्य बनाए जाने की मांग तेज हो गयी है. कश्मीर से अलग जम्मू राज्य की मांग करने वाले जम्मू स्टेट मोर्चा ने अपना संघर्ष तेज करने की घोषणा की है. वहीं जम्मू-कश्मीर नेशनल पेन्थर्स पार्टी ने राज्य के पुनर्गठन की मांग दोहराई है.
उधर शिवसेना की जम्मू कश्मीर ईकाई तथा डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने भी अलग जम्मू प्रदेश बनाए जाने की मांग की. बुधवार को शिवसेना की जम्मू कश्मीर ईकाई के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं और डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने परेड ग्राउंड से लेकर सिटी चौक तक रैली भी निकाली.
जम्मू के साथ भेदभाव किए जाने के विरोध में पहली बार जम्मू को अलग राज्य बनाए जाने की मांग मार्च 1990 में उठी थी और तब इसके लिए जम्मू मुक्ति
मोर्चा का गठन हुआ था. मगर इस संघर्ष को असली रूप मिला साल 2002 के विधानसभा चुनावों में, जब जम्मू मुक्ति मोर्चा का नाम बदलकर जम्मू स्टेट
मोर्चा हो गया. इस पार्टी ने चुनाव में अपना किस्मत भी आजमाया और मगर इनका एक ही विधायक जीत सका. शुरू में जम्मू को अलग राज्य बनाने को
समर्थन देने वाली आरएसएस ने भी अपना नाता जम्मू स्टेट मोर्चा से तोड़ लिया.
फिर साल 2008 के विधानसभा चुनावों में जम्मू स्टेट मोर्चा का रंग कुछ फीका पड गया और चुनावों में उनके प्रत्याशी बहुत कम हो गए. मगर जैसे ही तेलंगाना का संघर्ष रंग लाया कि जम्मू की दो दशकों पुरानी मांग में भी तेजी आती दिख रही है. अब मोर्चा अपने आप को फिर से नए संघर्ष के लिए तैयार कर रहा है. जम्मू स्टेट मोर्चा के नेता प्रो. वीरेंद्र गुप्ता के मुताबिक जम्मू भौगोलिक और ऐतिहासिक तौर पर बिल्कुल अलग है. इसलिए जम्मू के लोगों की आवाज को भी सुनी जानी चाहिए.
तेलंगाना के संघर्ष में जम्मू की एक पार्टी और नेता जम्मू-कश्मीर पेन्थर्स पार्टी के अद्यक्ष प्रो. भीम सिंह ने भी अहम भूमिका निभायी है और तेलंगाना की लडाई में उनका साथ दिया है. मगर जम्मू को अलग राज्य दिए जाने को लेकर पेन्थर्स पार्टी की राय कुछ अलग है. वह राज्य के पुनर्गठन की मांग तो करते हैं. लेकिन उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर और लदाख को बराबर का हक मिले.
हालांकि जम्मू कश्मीर की दो मुख्य पार्टियां सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस और विपक्षी पीडीपी जिनका अधिक वर्चस्व कश्मीर में है राज्य को अलग करने के विरुद्ध हैं. जबकि कांग्रेस भी जम्मू-कश्मीर को एक रखने का समर्थन करती रही है, मगर बीजेपी ने कभी भी जम्मू को अलग राज्य देने पर अपना रुख पूरी तरह साफ़ नही किया है. अब देखना है के जम्मू स्टेट मोर्चा अपनी इस मांग को लेकर कितनी आगे तक जा पाता है, क्यूंकि तेलंगाना के संघर्ष ने इस मामले को नया रूप दिया है.