जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर एक महिला संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस संगठन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अनुच्छेद 370 के खात्मे ने कश्मीर के लोगों को एकजुट कर दिया है, अब यहां के लोगों को लगने लगा है कि यह उनकी गरिमा और स्वाभिमान पर आखिरी आघात है. संगठन से जुड़ी कार्यकर्ता एनी राजा ने कहा कि बच्चों को उठाकर ले जाया जा रहा है, लेकिन उनकी जानकारी नहीं दी जा रही है. सिर्फ जेलों के बाहर लिस्ट लगा दी जा रही है. महिला कार्यकर्ता एनी राजा ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस से हथियार ले लिए गए हैं.
प्रगतिशील महिला संगठन से जुड़ी वकील पूनम कौशिक का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में न्यायपालिका को लकवा मार गया है. उन्होंने कहा कि वहां पर कानून का राज नहीं है. अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. इस संगठन का आरोप है कि चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि सेना उन्हें गाली दे रही है. लोग इस जुल्म से आजादी चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर में नाबालिगों को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति को एक नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में बच्चों को अवैध रूप से हिरासत में रखे जाने पर रिपोर्ट मांगी गई थी. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले में एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट की मांग की है. इससे जुड़ी याचिका दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा दायर की गई थी. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि याचिका में जिसका नाम दर्ज है उसके बारे में जब ये पता चला कि वो नाबालिग है तो उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के पास भेज दिया गया था.