लद्दाख की सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की खबर है. घटना 27 सितंबर की बताई जा रही है. भारत-तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने इस बाबत एक रिपोर्ट जारी की है.
27 सितंबर को चीनी सैनिकों की यह घुसपैठ लद्दाख के ट्रिग चोटी इलाके में हुई. आईटीबीपी सूत्रों की मानें तो चीनी हेलीकॉप्टरों ने सुबह-सुबह लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार की और लद्दाख की सीमा में घुस आए. चीनी सेना के दोनों हेलीकॉप्टर 10 मिनट तक भारतीय सीमा में मंडराते रहे.
अभी हाल में अरुणाचल प्रदेश की सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ हुई थी. दिवांग घाटी के लोगों ने बताया था कि कुछ दिन पहले भारत की सीमा में चीनी सैनिक घुस आए और अपने तंबू भी लगाए. भारत के एक अधिकारी ने घुसपैठ को नकार दिया है. अधिकारी के मुताबिक, एलएसी को लेकर कुछ भ्रम थे, जिसे दूर कर लिया गया. अधिकारी ने बताया कि चीनी सैनिकों को जब एलएसी के बारे में पूरी जानकारी दी गई, तो वे अपनी सीमा में लौट गए.
आईटीबीपी की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि चीन के दो हेलिकॉप्टर भारतीय सीमा में देखे गए. रिपोर्ट के मुताबिक, ये दोनों हेलिकॉप्टर बीते 27 अगस्त को सुबह करीब 9 बजे लद्दाख के बुर्तसे और ट्रैक जंक्शन पोस्ट के आसपास देखे गए. आईटीबीपी रिपोर्ट के अनुसार, दोनों चीनी हेलीकॉप्टर MI-17 की तरह दिख रहे थे. ये हेलिकॉप्टर करीब 5 मिनट तक भारतीय हवाई क्षेत्र में रहे.
लद्दाख के बुर्तसे और ट्रैक जंक्शन पोस्ट ट्रिग हाईट और डेपसांग इलाके में पड़ते हैं. सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के ट्रिग हाईट और डेपसांग का ये इलाका भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी महत्व रखता है. यही वजह है कि चीन यहां कब्जा करने की कोशिश में रहता है और बार-बार घुसपैठ के प्रयास करता है.
इसी इलाके में भारत का महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी एयरफील्ड भी है, जिस पर चीन घुसपैठ के जरिए नजर रखने की फिराक में रहता है. लद्दाख में हवाई सीमा का उल्लंघन करने वाले चीनी सैनिकों ने जमीनी बॉर्डर को भी पार कर लिया. खबर है कि अरुणाचल प्रदेश की दिवांग घाटी में क्षेत्र के ग्रामीणों ने चीनी सुरक्षाबलों के दाखिल होने की जानकारी दी.