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गडकरी की ‘पूर्ति’ में आईटी विभाग को नजर आयी खामियां

आयकर विभाग ने उस पूर्ति समूह से संबंधित कथित फर्जी कंपनियों के मुंबई स्थित 11 परिसरों की मौके पर जांच की और उसे दिये गए पतों पर उनका कोई पता नहीं चला. पूर्ति समूह वही है जिससे बीजेपी प्रमुख नितिन गडकरी जुड़े हुए थे.

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आयकर विभाग ने उस पूर्ति समूह से संबंधित कथित फर्जी कंपनियों के मुंबई स्थित 11 परिसरों की मौके पर जांच की और उसे दिये गए पतों पर उनका कोई पता नहीं चला. पूर्ति समूह वही है जिससे बीजेपी प्रमुख नितिन गडकरी जुड़े हुए थे.

आयकर विभाग के एक सूत्र ने अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘हम 11 परिसरों में गए जहां 24 कंपनियां थीं लेकिन हमें वहां से कुछ भी नहीं मिला. कुछ मामलों में पतों का भी वजूद नहीं था.’ सूत्र ने कहा, ‘सभी कंपनियां फर्जी हैं और कंपनी रजिस्ट्रार को दिये गए पतों पर उनका कोई अस्तित्व नहीं है.’ आयकर विभाग के अधिकारी वहां पर कंपनियों के पतों की पुष्टि करने कंपनियों के व्यापार की प्रकृति का पता लगाने के साथ ही यह भी पता लगाने गए थे कि क्या उनका अस्तित्व है.

अधिकारी ने बताया कि ये सभी कंपनियां किसी ना किसी तरह से पूर्ति समूह से जुड़ी हुई थीं जबकि कुछ ने पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड में शेयर खरीदे थे. अधिकारी ने बताया कि ये कंपनियां दो वर्ष पहले सामने आयी थीं और उनके पैन कार्ड थे और वे रिटर्न भी दाखिल कर रही थीं.’

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पूर्ति पावर एंड शुगर लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक सुधीर दिवे ने एक बयान में कहा, ‘ये कंपनियां पूर्ति समूह का हिस्सा नहीं हैं. इन कंपनियों ने पूर्ति समूह की कुछ कंपनियों में निवेश किया था. पूर्ति समूह का आयकर विभाग की कार्रवाई से कुछ लेना देना नहीं है.’ सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की ओर से यह मौके पर जांच आयकर विभाग की पुणे शाखा की ओर से ‘कुछ संदेह’ उठाये जाने के बाद की गई जिसने अपनी मुंबई शाखा से जांच करने को कहा था.

आयकर विभाग ने गडकरी को पूर्ति समूह की कंपनियों में संदिग्ध निवेश से संबंधित जांच के सिलसिले में अपने समक्ष पेश होने को कहा था. गडकरी ने पेश होने के लिए कुछ और समय की मांग की.

सूत्रों ने बताया कि गडकरी ने पार्टी संबंधी कार्यों के चलते आयकर अधिकारियों के समक्ष पेश होने में असमर्थता जताई और उनसे कुछ समय देने की मांग की. सूत्रों के अनुसार, गडकरी से एक फरवरी को पेश होने के लिए कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि उन्हें अब एक फरवरी को पेश होने को कहा गया है.

गडकरी के दो अधिकृत प्रतिनिधियों ने नागपुर में आयकर अधिकारियों से मुलाकात की और विभाग के सवालों के जवाब वाला 25 पन्नों का दस्तावेज उन्हें दिया. ये सवाल पूर्ती समूह और अन्य कंपनियों में गडकरी के निजी लेनदेन और निवेश के बारे में थे. गडकरी का कहना है कि उन्होंने कुछ समय पहले समूह से इस्तीफा दे दिया था. वह यह भी कह चुके हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया.

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