scorecardresearch
 

अंतरिक्ष स्टेशन पर अब तक 239 यात्री पहुंचे, भारत को करना होगा 2 साल इंतजार

ISS पर अब तक दुनिया भर के 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. लेकिन भारत से अभी तक इस स्टेशन पर कोई नहीं गया है. भारत का गगनयान अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष का सैर तो कराएगा लेकिन इसका स्पेस स्टेशन से कोई लेना-देना नहीं होगा.

Advertisement
X
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर दुनिया भर 19 देशों से 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. (फोटो- नासा)
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर दुनिया भर 19 देशों से 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. (फोटो- नासा)

  • भारत से अभी तक एक भी अंतरिक्ष यात्री ISS नहीं गया
  • 2021 में तीन भारतीय एस्ट्रोनॉट करेंगे स्पेस की यात्रा

दो साल पहले ह्यूमन स्पेस मिशन की तैयारी करने वाले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अपना पहला एस्ट्रोनॉट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) के लिए भेज दिया है. पहली बार किसी इस्लामिक देश से कोई एस्ट्रोनॉट ISS पहुंचा है. अंतरिक्ष विज्ञान के मामले में UAE का कद भारत की तुलना में काफी छोटा है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने एस्ट्रोनॉट हज्जा-अल-मंसूरी को भेजकर उसने भारत को एक कदम पीछे छोड़ दिया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) का मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2021 में रवाना होगा. हालांकि, इस मिशन का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से कोई लेना-देना नहीं होगा. लेकिन भारतीय एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिनों तक यात्रा करेंगे. 

Advertisement

iss_visitors_092619092749.jpgनासा ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर किस देश के कितने अंतरिक्षयात्री अब तक पहुंचे हैं.

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अब तक दुनिया भर के 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. दुनियाभर के 19 देशों से गए ये अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से करीब 410 किमी की ऊंचाई पर स्थित स्पेस स्टेशन पर समय बिता चुके हैं. लेकिन भारत से अभी तक इस स्टेशन पर कोई नहीं गया है. अगर आप अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां सबसे ज्यादा अमेरिकी यात्री गए हैं. इसके बाद रूस, जापान और कनाडा हैं.

आइए जानते हैं किस देश के कितने अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पहुंचे

  • अमेरिकाः 151
  • रूसः 47
  • जापानः 9
  • कनाडाः 8
  • इटलीः 5
  • फ्रांसः 5
  • जर्मनीः 3
  • बेल्जियम, नीदरलैंड्स, स्वीडन, ब्राजील, डेनमार्क, कजाख्सितान, स्पेन, ग्रेट ब्रिटेन, मलेशिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरातः 1-1.
2021 में भेजा जाएगा गगनयान, तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री करेंगे स्पेस की यात्रा

चंद्रयान-2 मिशन के बाद इसरो (ISRO) और भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) गगनयान (Gaganyaan) मिशन में लग गए हैं. गगनयान भारत का वह महत्वकांक्षी मिशन है, जिसमें तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा के लिए भेजना है. भारतीय वायुसेना ने इसके लिए 10 टेस्ट पायलटों का चयन कर लिया है. भारतीय वायुसेना ने हाल ही में ट्वीट करके कहा था कि अंतरिक्षयात्रियों के चयन का पहला चरण पूरा कर लिया है. सभी चयनित 10 टेस्ट पायलटों के सेहत की इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में जांच की गई है. इसमें ये सभी 10 पायलट सफलतापूर्वक पास हो चुके हैं.

Advertisement

7 दिनों तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी ऊपर लगाएंगे चक्कर

वायुसेना ने शुरुआत में कुल 25 पायलटों का चयन किया था. इनमें से पहला चरण सिर्फ 10 पायलट ही पार कर पाए. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने हाल ही में भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. उससे पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे. ये दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में किए जाएंगे. इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव मिशन भेजा जाएगा. ये मिशन सात दिनों का होगा. एक हफ्ते तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर यात्रा करेंगे.

रूस देगा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग, मिशन की लागत 10 हजार करोड़

इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक रूस गगनयान में जाने वाले तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा. इन पायलटों को ट्रेनिंग के लिए इसी साल नवंबर के बाद रूस भेजा जा सकता है. गौरतब है कि देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा 2 अप्रैल 1984 में रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे. राकेश शर्मा भी भारतीय वायुसेना के पायलट थे. 10 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले गगनयान मिशन की घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.

Advertisement

Advertisement
Advertisement