दो साल पहले ह्यूमन स्पेस मिशन की तैयारी करने वाले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अपना पहला एस्ट्रोनॉट अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) के लिए भेज दिया है. पहली बार किसी इस्लामिक देश से कोई एस्ट्रोनॉट ISS पहुंचा है. अंतरिक्ष विज्ञान के मामले में UAE का कद भारत की तुलना में काफी छोटा है. लेकिन, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने एस्ट्रोनॉट हज्जा-अल-मंसूरी को भेजकर उसने भारत को एक कदम पीछे छोड़ दिया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organization - ISRO) का मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान 2021 में रवाना होगा. हालांकि, इस मिशन का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से कोई लेना-देना नहीं होगा. लेकिन भारतीय एस्ट्रोनॉट्स पृथ्वी से 400 किमी ऊपर अंतरिक्ष में 7 दिनों तक यात्रा करेंगे.
नासा ने बताया कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर किस देश के कितने अंतरिक्षयात्री अब तक पहुंचे हैं.
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अब तक दुनिया भर के 239 अंतरिक्ष यात्री जा चुके हैं. दुनियाभर के 19 देशों से गए ये अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से करीब 410 किमी की ऊंचाई पर स्थित स्पेस स्टेशन पर समय बिता चुके हैं. लेकिन भारत से अभी तक इस स्टेशन पर कोई नहीं गया है. अगर आप अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सूची देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि वहां सबसे ज्यादा अमेरिकी यात्री गए हैं. इसके बाद रूस, जापान और कनाडा हैं.
आइए जानते हैं किस देश के कितने अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पहुंचे
239 people from 19 countries have now visited the International Space Station. Welcome aboard @Astro_Jessica ,@Astro_Hazzaa and Oleg Skripochka! https://t.co/a4xtg1CQSW pic.twitter.com/2LSuSLCjnk
— Intl. Space Station (@Space_Station) September 25, 2019
चंद्रयान-2 मिशन के बाद इसरो (ISRO) और भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) गगनयान (Gaganyaan) मिशन में लग गए हैं. गगनयान भारत का वह महत्वकांक्षी मिशन है, जिसमें तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में 7 दिन की यात्रा के लिए भेजना है. भारतीय वायुसेना ने इसके लिए 10 टेस्ट पायलटों का चयन कर लिया है. भारतीय वायुसेना ने हाल ही में ट्वीट करके कहा था कि अंतरिक्षयात्रियों के चयन का पहला चरण पूरा कर लिया है. सभी चयनित 10 टेस्ट पायलटों के सेहत की इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन में जांच की गई है. इसमें ये सभी 10 पायलट सफलतापूर्वक पास हो चुके हैं.
7 दिनों तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी ऊपर लगाएंगे चक्कर
वायुसेना ने शुरुआत में कुल 25 पायलटों का चयन किया था. इनमें से पहला चरण सिर्फ 10 पायलट ही पार कर पाए. इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने हाल ही में भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि दिसंबर 2021 में इसरो तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा. उससे पहले दो अनमैन्ड मिशन होंगे. ये दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में किए जाएंगे. इन दोनों मिशन में गगनयान को बिना किसी यात्री के अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इसके बाद दिसंबर 2021 में मानव मिशन भेजा जाएगा. ये मिशन सात दिनों का होगा. एक हफ्ते तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर यात्रा करेंगे.
रूस देगा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग, मिशन की लागत 10 हजार करोड़
इसरो के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक रूस गगनयान में जाने वाले तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ट्रेनिंग देगा. इन पायलटों को ट्रेनिंग के लिए इसी साल नवंबर के बाद रूस भेजा जा सकता है. गौरतब है कि देश के पहले अंतरिक्षयात्री राकेश शर्मा 2 अप्रैल 1984 में रूस के सोयूज टी-11 में बैठकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे. राकेश शर्मा भी भारतीय वायुसेना के पायलट थे. 10 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले गगनयान मिशन की घोषणा पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी.