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सीडी जांच पर फिर गरमाई हरियाणा की राजनीति, चौटाला ने दी आंदोलन की धमकी

हरियाणा में सीएलयू के नाम पर पैसे मांगने के मामले को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है. राज्‍य में विपक्षी दल आईएनएलडी ने आरोपी रामकिशन फौजी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की धमकी दी है.

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हरियाणा में सीएलयू के नाम पर पैसे मांगने के मामले को लेकर एक बार फिर से सियासत तेज हो गई है. राज्‍य में विपक्षी दल आईएनएलडी ने आरोपी रामकिशन फौजी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की धमकी दी है. आईएनएलडी के नेता अभय चौटाला ने कहा है कि अगर फौजी के खिलाफ गुरुवार तक मामला दर्ज नहीं हुआ तो पार्टी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी.

गौरतलब है कि चौटाला ने पिछले साल 6 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिव रामकिशन फौजी को एक सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) कराने के एवज में पांच करोड़ रूपये मांगते हुए दिखाया था. इतना ही नहीं इसकी शिकायत हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस प्रीतम पाल से भी की गई थी. अब हरियाणा के लोकायुक्त ने रामकिशन फौजी के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज करने की सिफारिश की है लेकिन विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है.

अभय चौटाला ने फौजी के बारे में एक सीडी जारी कर आरोप लगाया था कि फौजी ने गुड़गांव में एक सीएलयू कराने के एवज में पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. हालांकि इसके बाद सरकार को विधानसभा में सफाई देने के साथ मामले की जांच लोकायुक्त को सौंपनी पड़ी थी. लोकायुक्त ने रामकिशन फौजी और आईएनएलडी नेताओं से पूछताछ और जांच करने के बाद पाया कि शुरुआती नजर में यह मामला भ्रष्टाचार का लगता आता है. लिहाजा सरकार इसकी निष्‍पक्ष जांच कराए और मामला दर्ज करे. हालांकि, सरकार की तरफ से इस मामले में फिलहाल किसी ने कुछ नहीं कहा है लेकिन माना जा रहा है कि सरकार को अभी लोकायुक्त की तरफ से आदेश ही नहीं मिला है. दूसरी तरफ आईएनएलडी ने इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है.

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अभय चौटाला ने कहा, 'सरकार फौजी को बचाने का प्रयास कर रही है. अगर गुरुवार तक सरकार ने फौजी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया तो हमारी पार्टी सड़कों पर उतरेगी. मैंने सुना है कि फौजी लोकायुक्त पर ही आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने गलत फैसला दिया है, लिहाजा फौजी के खिलाफ एक और मामला दर्ज होना चाहिए.'

क्या है मामला?


आईएनएलडी नेता अभय चौटाला और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने 6 सितंबर को रामकिशन फौजी के बारे में एक सीडी जारी कर आरोप लगाया था कि फौजी ने गुड़गांव में एक सीएलयू कराने के एवज में पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. अभय चौटाला और अशोक अरोड़ा ने वह सीडी उसी दिन राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया को सौंप दी, जिन्होंने इसे मुख्य सचिव के पास भेज दिया. तब सरकार ने लोकायुक्त को रिफरेंस भेजकर दो बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा.

 

अभय चौटाला ने वकील के जरिए और अशोक अरोड़ा ने खुद पेश होकर दो लोगों (हिसार जिले के धीरनवास निवासी धमेंद्र कुहाड़ और हांस तहसील के देपल गांव के भीम सिंह) के शपथ पत्र पेश किए. दोनों ने कहा कि उन्होंने फौजी के पंचकूला स्थित सरकारी आवास पर 28 अप्रैल, 2011 को दिन में ढाई बजे सीडी बनाई थी. फौजी द्वारा सीएलयू कराने के नाम पर पांच करोड़ लेने के आरोप साबित नहीं हुए हैं, लेकिन सीडी में वे पांच करोड़ रुपये मांगते दिख रहे हैं. अभय चौटाला ने कहा ‌कि लोकायुक्त के फैसले का स्वागत है. उन्‍होंने अन्य विधायकों और उनके रिश्तेदारों की सीडी की भी जांच कराए जाने की मांग की. उन्‍होंने कहा, 'मैंने कुल दस सीडी जारी की थी. फौजी को फौरन गिरफ्तार किया जाना चाहिए.'

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