महंगाई के मुद्दे पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियमों के तहत चर्चा कराये जाने को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बने गतिरोध के कारण संसद के मानसून सत्र के दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी नहीं चल सकी.
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिसों को बुधवार को नामंजूर कर दिये जाने के बाद विपक्ष ने गुरुवार को नई रणनीति के तहत मत विभाजन के प्रावधान वाले अन्य नियम 184 के तहत चर्चा कराये जाने की मांग की, जिसके लिये सरकार राजी नहीं हुई.
विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच बने गतिरोध से उत्पन्न हंगामे के कारण दोनों ही सदन एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे दिन भर के लिये स्थगित कर दिये गये. उधर, राज्यसभा में विपक्ष मत विभाजन वाले नियम 168 के तहत महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग पर आज भी अड़ा रहा. एक बार के स्थगन के बाद जब उच्च सदन की बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो हंगामे के कारण उपसभापति के. रहमान खान ने कार्यवाही को दिन भर के लिये स्थगित कर दिया.
हंगामे के बीच दोनों ही सदनों ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी. पिछले तीन दिन से इस गतिरोध और हंगामे के कारण दोनों सदनों में न तो प्रश्नकाल हो सका और न ही कोई विधायी कार्य. इससे पहले, जब गुरुवार को लोकसभा की बैठक शुरू हुई तो विपक्ष और सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा, बसपा ने महंगाई के मुद्दे पर नियम 184 के तहत चर्चा कराये जाने की मांग की.