मध्यप्रदेश सरकार के गुरुवार 29 सितंबर को एस्मा लगाये जाने के बावजूद महाराजा यशवंतराव अस्पताल में जूनियर डॉक्टर लगातार चौथे दिन हड़ताल पर बने रहे.
इसके साथ ही, उन्होंने धमकी दी कि अगर उनकी मांगों की अनदेखी की गयी तो उनके सामने सामूहिक इस्तीफे का विकल्प खुला है.
एमवायएच में करीब 300 जूनियर डॉक्टर एक परिचारक की पिटाई के आरोप में अपने साथी की गिरफ्तारी के विरोध में 27 सितंबर से हड़ताल पर हैं. इससे प्रदेश के बडे सरकारी अस्पतालों में गिने जाने वाले अस्पताल में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरायी हुई हैं.
इंदौर जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय गुप्ता ने कहा, ‘हमारी हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक जूनियर डॉक्टर राजा शीतलानी की पिटाई के आरोपी परिचारक लोकेश जेम्स को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर लेती. वह अब तक खुला क्यों घूम रहा है.’
गुप्ता ने कहा, ‘अगर हमारी मांगें नहीं मानी गयीं तो हमें आखिरकार सामूहिक इस्तीफा देने का कदम उठाना पड़ेगा.’
उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवा रख-रखाव अधिनियम (एस्मा) का इस्तेमाल जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ नहीं किया जा सकता क्योंकि वे मेडिकल विद्यार्थी होने के नाते ‘मानदेय’ पर काम करते हैं और प्रदेश सरकार के ‘नियमित कर्मचारी’ नहीं हैं.
गुप्ता ने कहा कि अगर जूनियर डॉक्टरों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की गयी तो वह अदालत की शरण लेंगे.