सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार मुक्त नैतिक आचरण के लिए प्रोत्साहित करने के इरादे से रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेल कर्मचारियों के लिए मिशन सत्य निष्ठा की शुरुआत की. इस मौके पर तमाम आला अफसरों और कर्मचारियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया गया. उन्हें सत्य निष्ठा के साथ काम करने की सलाह दी गई.
किसी भी सरकारी संगठन द्वारा आयोजित अपनी तरह के पहले कार्यक्रम में भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को नई दिल्ली के राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में शासन में नैतिकता पर आधारित एक कार्यक्रम के आयोजन में “मिशन सत्यनिष्ठा” का शुभारंभ किया.
रेलमंत्री पियूष गोयल ने इस कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को शपथ दिलवाई. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रतिभागियों को विषय से अवगत करवाया. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के नेतृत्व में उत्तर रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.
इस अवसर पर बोलते हुए रेलमंत्री ने कहा कि लोगों से संगठन का परिचय मिलता है और संगठन से लोगों का. अत: कार्य संस्कृति को बेहतर बनाते हुए उसमें पारदर्शिता लानी है. सूचनाएं सार्वजनिक क्षेत्रों में भेजी जानी चाहिएं ताकि उपयोगकर्ताओं से सर्जनात्मक सुझाव मिल सकें. उन्होंने आगे कहा कि किसी भी प्रणाली में कार्य के प्रति रूचि का अभाव भी अनैतिक आचरण की तरह ही है. इसे भी एक प्रकार से भ्रष्टाचार से कम न समझा जाए.
सार्वजनिक जीवन में नैतिकता, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा जैसे विषय शासन में चिंता का विषय रहे हैं. इस संदर्भ में यह बेहद जरूरी है कि सभी रेल कर्मचारी सदैव सही आचरण और सत्यनिष्ठा का पालन करें. मिशन सत्यनिष्ठा का शुभारंभ सभी रेल कर्मचारियों को कार्य में सत्यनिष्ठा के उच्च मानकों का निर्वहन करते हुए नैतिकता का आचरण करने के प्रति जागरूक किया. इस उद्देश्य के लिए समूचे भारतीय रेलवे पर चर्चाओं और वक्तव्यों का आयोजन किया जा रहा है.
क्या है इस मिशन का उद्देश्य?
- प्रत्येक कर्मचारी को निजी और सार्वजनिक जीवन में नैतिक मूल्यों को समझने की आवश्यकता के संबंध में प्रशिक्षित करना.
- जीवन और शासन में नैतिक दुविधाओं से निपटना.
- नैतिकता और सत्यनिष्ठा पर भारतीय रेलवे की नीतियों को समझने में मद्द करना और उसे बनाए रखने में कर्मचारियों की भूमिका बताना.
- अंतर आत्मा की आवाज के माध्यम से आंतरिक शासन विकसित करना.