भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी कर दी है. अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को राम मंदिर ट्रस्ट में ट्रस्टी बनाया गया है. कमिश्नर ट्रस्ट के बाकी सदस्यों के नाम की घोषणा करने वाले हैं. इस पेपर हो राजा अयोध्या विमलेंद्र मोहन से रिसीव कराया गया है. कमिश्नर ने इसी आधार पर ट्रस्टी का चार्ज दिया है.
केंद्र सरकार के मुताबिक 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से ट्रस्ट को R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1, नई दिल्ली, 110048 में पंजीकृत कार्यालय के तौर पर पंजीकृत किया गया है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा की थी. राम मंदिर ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.
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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के नाम की घोषणा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने ट्रस्ट में 15 सदस्य होने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिसमें एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद में कहा कि सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ट्रस्ट का गठन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा को जानकारी दी कि कैबिनेट ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का प्रस्ताव पास किया है.
Government of India issues gazette notification over setting up of the Trust, ' Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra', for the construction of Ram Temple in Uttar Pradesh's Ayodhya. pic.twitter.com/k3ym9Z3kXC
— ANI (@ANI) February 5, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया था निर्देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को राम मंदिर मसले पर ऐतिहासिक फैसले के दौरान सरकार को ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नौ फरवरी तक सरकार को ट्रस्ट बनाना था. इस प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवधि खत्म होने के चार दिन पहले सरकार ने ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट से पास होने की सूचना दी है.