जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और इंडियन कोस्ट गार्ड ने शुक्रवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के बाद जल्द ही इंडियन कोस्ट गार्ड्स डिस्टेंस लर्निंग मोड के तहत जामिया से शिक्षा हासिल कर सकेंगे.
जल, थल और वायु सेना के साथ जामिया पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुका है. तीनों सेनाओं के निचले स्तर के कर्मचारी व अधिकारी जामिया से डिस्टेंस मोड में पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि शॉर्ट सर्विस के बाद ये जवान दूसरी नौकरियां आसानी से हासिल कर सकें.
जामिया से पढ़ाई कर रहे जवानों की संख्या हजारों में है. कई हजार डिफेंस पर्सनल अब तक डिग्री भी हासिल कर चुके हैं. इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ एमओयू साइन होने के बाद जामिया पहली ऐसी यूनिवर्सिटी बन गई है जिसने तीनों सेनाओं और इंडियन कोस्ट गार्ड के साथ एमओयू साइन किया है.
इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए जामिया के कुलपति प्रो. तलत अहमद ने कहा, 'यह जामिया के लिए बहुत गर्व की बात है कि वह राष्ट्र निर्माण में इतना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. आजादी की लड़ाई में जामिया का बहुत अहम योगदान रहा है और अब डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया उन जवानों को पे-बैक करने की कोशिश कर रही है जो देश की रक्षा करते हैं.'
प्रोफेसर तलत अहमद ने यह भी कहा कि विश्विद्यालय का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को शिक्षा देना है और डिफेंस पर्सनल्स को पढ़ने का मौका देकर जामिया अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रही है.
वहीं, इंडियन कोस्ट गार्ड के प्रिंसिपल डायरेक्टर गुरूपदेश सिंह ने कहा, 'कम उम्र में जवान डिफेंस फोर्स जॉइन करता है और इस वजह से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाता. इस समझौते की वजह से वो नौकरी के साथ पढ़ाई कर पाएगा और नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद उसके पास दूसरी नौकरी करने का विकल्प रहेगा.'
जामिया के अर्जुन सिंह डिस्टेंस लर्निंग सेंटर से तीनों सेनाओं के जवान और अधिकारी पढ़ाई कर रहे हैं. इंडियन कोस्ट गार्ड्स भी अगले सत्र से जामिया से पढ़ाई कर पाएंगे.