सरकार अगस्टा वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा रद्द कर सकती है. इस बारे में बुधवार को कंपनी के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक होनी है. सूत्रों के अनुसार सौदे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त सबूत हैं.
रक्षा मंत्रालय और कानून मंत्रालय को यकीन है कि अगस्टा वेस्टलैंड के पास खुद को सही साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं. कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कंपनी के पास 26 नवंबर तक का समय है.
वायुसेना को वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए हुए 3,600 करोड़ रुपये के सौदे के रद्द होने के खतरे का सामना कर रही कंपनी अगस्टा वेस्टलैंड के अधिकारी बुधवार को रक्षा मंत्रालय के सामने अपना पक्ष रखेंगे.
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि एंग्लो-इटालियन कंपनी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखेगी. हेलीकॉप्टर सौदे में घोटाला सामने आने के बाद मंत्रालय इस मामले को देख रहा है. रक्षा मंत्री ए के एंटनी पहले ही कह चुके हैं कि कंपनी ने करार के नियमों को तोड़ा है. हालांकि उन्होंने कंपनी के अनुरोध पर उसे एक अवसर देने का निर्णय लिया.
कंपनी को मंत्रालय द्वारा सौदे को रद्द करने के लिए अंतिम कारण बताओ नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है और उसे 26 नवंबर तक मंत्रालय को जवाब देना है. कंपनी ने रक्षा मंत्रालय की कार्रवाइयों पर कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की है. मंत्रालय ने 21 अक्टूबर को कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा था और 11 नवंबर तक 21 दिन में जवाब देने को कहा था. इसके बाद अगस्टा ने नोटिस का जवाब देने के लिए और वक्त मांगा था.
मंत्रालय ने अपने नोटिस में कंपनी से यह बताने को कहा था कि 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए करार और अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ करार को रद्द करने समेत जरूरी कार्रवाई क्यों नहीं की जाए. रक्षा मंत्रालय ने पहले कंपनी के कई अनुरोधों के बावजूद उसके अधिकारियों से मिलने से मना कर दिया था.