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भारत 8वीं बार चुना गया सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य, 192 में से मिले 184 वोट

भारत को पहले से ही उम्मीद थी कि बुधवार को सुरक्षा परिषद चुनाव में उसे आसानी से जीत मिल जाएगी जो उसे 2021-22 के कार्यकाल के लिए गैर-स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र उच्च-तालिका में लाएगा. भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था.

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सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत
सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत

  • सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना भारत
  • पक्ष में पड़े 184 वोट, सदस्य बनने के लिए 128 वोट जरूरी

भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य चुना गया है. 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने अपने ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी देते हुए लिखा कि सदस्य देशों ने भारत को भारी समर्थन देते हुए 2021-22 तक के लिए यूएनएससी का अस्थाई सदस्य चुना है. भारत को 192 में से 184 वोट मिले हैं.

बता दें भारत को अस्थायी सदस्य चुने जाने के लिए मात्र 128 वोट चाहिए था. हालांकि भारत को पहले से ही उम्मीद थी कि बुधवार को सुरक्षा परिषद चुनाव में उसे आसानी से जीत मिल जाएगी जो उसे 2021-22 के कार्यकाल के लिए गैर-स्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र उच्च-तालिका में लाएगा. भारत पहली बार 1950 में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और आज आठवीं बार चुना गया. भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से गैर-स्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था.

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यूएन हेडक्वार्टर, कोरोना महामारी की वजह से 15 मार्च से ही बंद था. आज यहां पर तीन चुनाव कराए गए. सभी सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अगले प्रेसिडेंट, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच गैर अस्थायी देशों और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के सदस्यों के चुनाव के लिए वोट किया.

इसके साथ ही भारत संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में शामिल गो गया है.

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आखिरी बार 2011 में चुना गया भारत

10 गैर-स्थायी सीटें क्षेत्रीय आधार पर वितरित की जाती हैं जिसमें अफ्रीकी और एशियाई देशों के लिए 5; पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए 1; लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन देशों के लिए 2; और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए 2 सीट निर्धारित की गई है.

परिषद के लिए चुने जाने के लिए, उम्मीदवार देशों को महासभा में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्य देशों के मतपत्रों का दो-तिहाई बहुमत चाहिए.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति कहते हैं कि सुरक्षा परिषद में भारत की मौजूदगी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम की धारणा को मजबूत करेगी.

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इससे पहले, भारत को 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और हाल ही में 2011-2012 में सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना जा चुका है.

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