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रिश्‍तों की मजबूती को लेकर भारत-चीन आशान्वित

चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने सोमवार को चीन-भारत रिश्तों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए आपसी चिंता और हितों को ध्यान में रखकर द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिये नये विचारों पर चर्चा की.

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चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने सोमवार को चीन-भारत रिश्तों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करते हुए आपसी चिंता और हितों को ध्यान में रखकर द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिये नये विचारों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूत के रूप में यहां के दौरे पर आए मेनन ने वेन के साथ 40 मिनट तक बैठक की. परमाणु आपूर्तिकता समूह (एनएसजी) की मंजूरी के बिना चीन द्वारा पाकिस्तान के लिये दो नये परमाणु रिएक्टर बनाये जाने की योजना पर भारत और अमेरिका की ओर से गंभीर चिंता जताये जाने के मद्देनजर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की प्रस्तावित बीजिंग यात्रा पर आने के एक दिन पहले यह बैठक हुई है.

वेन ने झोंगनान्हई में मेनन की गर्मजोशी से अगवानी की. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के प्रति प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिबद्धता की सराहना की. मेनन ने सिंह की ओर से एक पत्र सौंपते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने दोस्ती का एक व्यक्तिगत संदेश और अपनी शुभकामनाओं के साथ उन्हें खास तौर पर भेजा है. मेनन ने कहा कि भारत में हमारे लिये चीन के साथ रिश्ता खास मायने रखता है.{mospagebreak}

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वेन ने बताया कि मनमोहन सिंह ने रिश्तों को बेहतर बनाने के लिये पिछले साल एक अहम संदेश भेजा था. उन्होंने कहा, ‘‘इस बार आप प्रधानमंत्री का एक और व्यक्तिगत पत्र लाये हैं, जिसमें उसी तरह की भावनाएं हैं.’’ वेन ने कहा, ‘‘इस संबंध के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की हम बहुत सराहना करते हैं.’’ चीनी प्रधानमंत्री ने बीजिंग में भारत के राजदूत के रूप में मेनन की तैनाती के दिनों को याद करते हुए चीन-भारत संबंधों को बेहतर बनाने में उनके योगदान की भी सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘‘मेनन आप चीन विशेषज्ञ हैं. चीन में काम करने का आपका लंबा अनुभव है और आपने दोनों देशों के दोस्ताना संबंधों को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया है. मैं चीन में आपका हार्दिक स्वागत करता हूं.’’ मेनन के साथ बीते दिन कई मुद्दों पर चर्चा कर चुके चीन के विदेश मंत्री यांग जाइची भी इस बैठक में मौजूद थे.{mospagebreak}अधिकारियों ने वेन-मेनन वार्ता पर टिप्पणी करते हुए यहां बताया कि दोनों देशों ने अपने रिश्तों को आगे ले जाने के तरीकों के बारे में चर्चा की. उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचारों के अदान प्रदान किये. वेन ने इस बारे में अपने विचार प्रकट किये कि किस तरह से दोनों देशों के संबंध को आगे ले जाया सकता है.

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उन्होंने मेनन से कहा, ‘‘यदि भारत और चीन के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं तो यह सदी एशिया की होगी.’’ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इसके बाद स्टेट काउंसिलर दाई बिंग्गुओ के साथ वार्ता की, जो भारत के साथ सीमा वार्ता पर चीन के विशेष प्रतिनिधि हैं.

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