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सार्क सम्मेलन के दौरान भारत-पाक वार्ता की संभावना कम, कड़ा संकेत देने की तैयारी

18वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) सम्मेलन के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. हालांकि इस सिलसिले में कोई आधिकारिक बयान फिलहाल जारी नहीं किया गया है. लेकिन जिस तरह सरहद पर लगातार पाकिस्तान की ओर से फायरिंग हो रही है उसके बाद भारत भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी में हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भले ही नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ एक ही मंच साझा करें, लेकिन दोनों के बीच कोई वार्ता नहीं होगी.

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मोदी के साथ नवाज (फाइल फोटो)
मोदी के साथ नवाज (फाइल फोटो)

18वें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) सम्मेलन के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. हालांकि इस सिलसिले में कोई आधिकारिक बयान फिलहाल जारी नहीं किया गया है. लेकिन जिस तरह सरहद पर लगातार पाकिस्तान की ओर से फायरिंग हो रही है उसके बाद भारत भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की तैयारी में हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि भले ही नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ एक ही मंच साझा करें, लेकिन दोनों के बीच कोई वार्ता नहीं होगी.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के बाद यह दूसरा मौका होगा जब नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ एक ही फोरम से अपनी बात रखेंगे. लेकिन इस बार भी उन दोनों के बीच मुलाकात होगी, इस पर सवालिया निशान बरकरार है. पाकिस्तान लगातार अलगाववादी नेताओं से अपनी नजदीकियों को जायज ठहराता रहा है. भारत की चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान के राजदूत ने जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेताओं के साथ मुलाकात की थी. भारत ने इसके जबाव में 25 अगस्त को होने वाली विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द कर दी थी. इसके बाद नवाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र में भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था. इससे भारत और पाकिस्तान के बीच की खाई और भी गहरी हो गई है..

आठ देशों के समूह सार्क के दो बड़े सदस्यों के बीच तनाव से सम्मेलन पर भी असर पड़ सकता है. यही वजह है कि भारत और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री, राजदूत, और पत्रकारों के एक समूह ने वार्ता कायम रखने की अपील की है. इस ग्रुप में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी, भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर शामिल हैं.

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कसूरी ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को द्विपक्षीय वार्ता दोबारा शुरू करने का यह मौका गंवाना नहीं चाहिए.'

गौरतलब है कि 26 और 27 नवंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सार्क सम्मेलन होगा.

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