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ICMR कोविड मरीजों पर नेशनल रजिस्ट्रेशन कैंपेन के पक्ष में, ये है प्लान

इस काम के लिए एक प्रोजेक्ट बनाकर देश के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे जिससे यह समझने में आसानी हो कि कोविड के इलाज को और कैसे दुरुस्त करना है.

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कोरोना वायरस की टेस्टिंग (फाइल फोटो-PTI)
कोरोना वायरस की टेस्टिंग (फाइल फोटो-PTI)

  • इस काम में जुड़ेंगे देश के 15 प्रमुख संस्थान
  • अस्पतालों में भर्ती मरीजों के आंकड़े लिए जाएंगे

देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को कैसे रोका जाए, इस पर कई तरह की तैयारियां और मंथन चल रहे हैं. इन्हीं तैयारियों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के साथ मिलकर कोरोना मरीजों का पूरा आंकड़ा जुटाने की योजना बनाई है. इस काम के लिए एक प्रोजेक्ट बनाकर देश के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के आंकड़े इकट्ठे किए जाएंगे जिससे यह समझने में आसानी हो कि कोविड के इलाज को और कैसे दुरुस्त करना है.

इस प्रोजेक्ट को नेशनल क्लिनिकल रजिस्ट्री का नाम दिया गया है. अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट से कोरोना के इलाज में क्लिनिकल ट्रायल में भी मदद मिलेगी जिससे कि इलाज का नया तरीका या नई दवाओं का इजाद किया जा सके. कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में 15 संस्थान आगे आ सकते हैं ताकि एक बड़ा नेटवर्क बना कर हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जा सके. हालांकि अभी इसके लिए आईसीएमआर की कॉमन इथिक्स कमेटी से मंजूरी मिलने का इंतजार है.

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इस तैयारी के बारे में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, हम लोग क्लिनिकल कोविड रजिस्ट्री शुरू करने जा रहे हैं जिसमें पूरे देश के 15 संस्थान शामिल होंगे. ये सभी संस्थान राष्ट्रीय महत्व के हैं जो हमारी मदद करेंगे. इन संस्थानों को साथ लेने का मकसद है कि वे अन्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इस काम के लिए प्रोत्साहित कर सकें. भार्गव ने कहा, स्वास्थ्य मंत्रालय के पास आंकड़े हैं, टेस्टिंग के आंकड़े आईसीएमआर के पास हैं लेकिन हम चाहते हैं कि हॉस्पिटल के आंकड़े मिलें जिससे कि पता लगाया जा सके कि मरीजों के साथ क्या हुआ और इसमें आगे कैसे सुधार लाना है. हमें इसके लिए इथिकल क्लियरेंस लेने की जरूरत होगी...यह काम फिलहाल जारी है.

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बता दें, देश में 15 लाख से अधिक कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं और प्रतिदिन के तौर पर संक्रमण के 50,000 के करीब मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए आईसीएमआर की पहल यह जानने की कोशिश करेगी कि कोरोना मरीजों के इलाज में कैसे और बेहतरी लाइ जाए. देश में अनलॉक की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण बढ़ने की आशंका ज्यादा है. इसे देखते हुए आईसीएमआर इलाज के तौर-तरीकों में सुधार लाने के लिए अपने प्रयास तेज किए हैं.

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